लौटा भारत का गौरव, ऐतिहासिक धरोहर लाई गईं स्वदेश

Country Historical Heritage: जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका सहित विभिन्न देशों से पुरावशेषों का सफल प्रत्यावर्तन किया गया है. 

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image: PBNS,

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Country Historical Heritage: देश की बेशकीमती धरोहरों यानि मूर्तियों को चुराकर या अवैध रूप से दूसरे देशों में बेच दिया गया, लेकिन अब भारत सरकार अपनी उन ऐतिहासिक मूर्तियां को वापस लाने में जुटी हुई है. इसी के तहत देश की 75 फीसदी ऐतिहासिक धरोहर स्वदेश लाई जा चुकी हैं. पिछले सात सालों में चोरी से विदेश भेजी गईं सभी ऐतिहासिक धरोहरों में से 54 धरोहर वापस लाई जा चुकी हैं. इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि यह देश के लिए गौरव की बात है कि हम अपनी बेशकीमती धरोहरों को वापस लेकर आए हैं.

पिछले सात सालों में 41 बेशकीमती धरोहर आईं वापस

उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में यानि 2014 से अब तक 41 बेशकीमती धरोहर वापस लाई गई हैं. इसमें जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका, बिट्रेन सहित विभिन्न देशों से हाल के वर्षों में पुरावशेषों का सफल प्रत्यावर्तन किया गया है.

1976 से 2014 तक 13 धरोहरें ही आईं वापस

उन्होंने आगे बताया कि देश में साल 1976 से अब तक कुल 54 पुरातत्व महत्व की धरोहरें वापस लाईं गई हैं, इसमें चोल साम्राज्य की नटराज की मूर्ति, महात्मा बुद्ध की मूर्ति शामिल हैं. इनमें से पिछले सात सालों में ही 41 ऐतिहासिक धरोहरें जबकि साल 1976 से 2014 तक 13 धरोहरें ही वापस आई थीं.

संयुक्त प्रयास से हुआ संभव

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के लगातार अथक प्रयासों के कारण कई देशों में गईं इन ऐतिहासिक धरोहरों को वापस लाना संभव हो पाया है. देश की विदेशी नीति के कारण ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित और सुरक्षित रखने में सफल हुए हैं.

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, सीबीआई और दूसरे संबंधित सरकारी विभागों की कोशिशों के कारण ऐतिहासिक धरोहर स्वदेश लौटीं हैं. हम भारत का गौरव वापस लेकर आएं हैं.

बता दें कि हाल ही में नेशनल गैलरी ने बताया कि भारत से चोरी की गई 14 कलाकृतियों को ऑस्ट्रेलिया वापस कर रहा है. इनमें से छह ऐसे हैं जिन्हें चोरी किया गया या अवैध रूप से निर्यात किया गया.

इससे पहले साल 2020 में भी लंदन से प्राचीन भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियों को वापस लाया गया. कांस्य धातु की इन प्राचीन मूर्तियों को लंदन से वापस भारत वापस लाया गया. इन मूर्तियों को तमिलनाडु के मूर्ति विंग को हस्तांरित कर दिया.

भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की 13वीं शताब्दी की मूर्तियां हैं, जिन्हें 1978 में तमिलनाडु के नागपट्टनम मंदिर से चुराया गया था.

साल 2020 में भारत वापस लाई गई मूर्तियां :

नटराज (सर्प राज ) की प्रस्तर मूर्ति (मध्य भारत) -आस्ट्रेलिया

द्वारपाल प्रस्तर मूर्ति ( तमिलनाडु) -ऑस्ट्रेलिया

द्वारपाल प्रस्तर मूर्ति (तमिलनाडु) -ऑस्ट्रेलिया

नटेश शिव (राजस्थान)- ब्रिटेन

चूना पत्थर खंडित स्तंभ (आंध्र प्रदेश)-ब्रिटेन

राम की धातु प्रतिमा ( तमिलनाडु) -ब्रिटेन

सीता की धातु प्रतिमा (तमिलनाडु) -ब्रिटेन

लक्ष्मण की धातु प्रतिमा (तमिलनाडु) -ब्रिटेन

Published - August 6, 2021, 05:19 IST