Cryptocurrency के ऐड देना नहीं होगा आसान, लागू होने वाले हैं नियम

ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए क्रिप्टोकरेंसी के भ्रामक विज्ञापनों पर लगाम लगाने की कवायद शुरू हो गई है.

This is important to know before investing in big names or any other crypto currency

एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.

एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.

ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) के भ्रामक विज्ञापनों पर लगाम लगाने की कवायद शुरू हो गई है. इसके तहत भारतीय क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) उद्योग खुद एक आचार संहिता जारी करने की तैयारी में है. इसके साथ ही देश में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) के लिए एक नियामकीय ढांचा तैयार करने पर भी विचार हो रहा है.

एक रिपोर्ट के अनुसार अगले 10 दिनों में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) एक्सचेंजों के विज्ञापन से संबंधित दिशा-निर्देशों का एक सेट प्रकाशित किया जाएगा. इन्हें ब्लॉक चेन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) द्वारा पेश किया जाएगा, जो कि इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) का एक हिस्सा है.

ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आएंगे दायरे में

वज़ीरएक्स, कॉइनडीसीएक्स और कॉइनस्विच कुबेर जैसे तमाम क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रस्तावित दिशा-निर्देशों के दायरे में आएंगे और सभी को इनका पालन करना होगा. इसके तहत इन सभी को ओटीटी और टीवी सहित अन्‍य प्‍लेटफार्मों पर दिए जाने वाले विज्ञापनों के लिए एक मानकीकृत अस्वीकरण (डिस्‍क्‍लेमर) देना होगा. इस डिस्‍क्‍लेमर के जरिये लोगों को क्रिप्‍टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों से सचेत किया जाएगा.

क्या है इंडस्ट्री का कहना

भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) एक्सचेंज वज़ीरएक्स के सीईओ निश्चल शेट्टी के अनुसार डिस्क्लेमर में ‘अस्थिरता’ जैसे शब्द शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा, औपचारिक दिशा निर्देशों में विज्ञापन में कितनी देर तक डिस्‍क्‍लेमर दिखाया जाना है, यह भी तय किया जा सकता है. शेट्टी ने कहा कि समिति ने अभी इस पर फैसला नहीं किया है कि क्या विज्ञापनों के म्यूचुअल फंड के विज्ञापनों की तरह डिस्‍क्‍लेमर का वॉयस ओवर शामिल होगा या नहीं.

फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल के अध्यक्ष नवीन सूर्या ने कहा कि विज्ञापन से लेकर नियामकीय मुद्दों तक, सबकुछ ग्राहक सुरक्षा के दायरे में आता है. सूर्या बीएसीसी में एक सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी हैं. उन्होंने कहा कि वे जोखिम को कम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

पीआईएल दाखिल

कुछ हफ्ते पहले दिल्ली हाईकोर्ट में वज़ीरएक्स, कॉइनडीसीएक्स और कॉइनस्विच कुबेर के खिलाफ जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी. याचिका में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को दिशा निर्देश तैयार करने और डिस्‍क्‍लेमर और वॉयस-ओवर के बिना चलने वाले टेलीविजन विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने के लिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग की गई थी.

Published - July 27, 2021, 08:39 IST