धान खरीद से पहले जमीन के रिकॉर्ड जांचेगी सरकार, MSP पर खरीद के लिए बनाया नया फॉर्मूला

सरकार के इस कदम का मकसद ये है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ व्यापारियों को नहीं, बल्कि सीधे किसानों को मिले.

Centre to cross check farmers land records before paddy procurement

सरकार का इरादा यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक किसानों को एमएसपी खरीद का लाभ मिले

सरकार का इरादा यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक किसानों को एमएसपी खरीद का लाभ मिले

पहली बार केंद्र सरकार ने धान की खरीद से पहले जमीन का रिकार्ड जांचने का फैसला किया है. इसका उद्देश्य यह है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ व्यापारियों को नहीं, बल्कि सीधे किसानों को मिले. यह जानकारी खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने सोमवार को दी. उन्होंने कहा कि असम, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर अधिकांश खरीद वाले राज्य इसके लिए तैयार हैं. उन्होंने इस मकसद से केंद्र की शीर्ष खरीद एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (FCI) के साथ डिजिटल भूमि का रिकॉर्ड साझा किया गया है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह नया तंत्र किसानों के हित में है और किसानों द्वारा अपनी या किराए की जमीन में की जाने वाली खेती की उपज सरकार द्वारा खरीदी जाएगी.

पांडेय ने कहा कि किसानों के लिए जमीन का मालिक होना जरूरी नहीं है. अगर किसानों ने किसी भी जमीन पर खेती की है, तो उसे खरीद लिया जाएगा.’

उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को शुरू करने के पीछे एकमात्र सोच यह है कि आखिर कितने क्षेत्र में किस फसल की खेती हो रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए जमीन के डिजिटल रिकार्ड को FCI के साथ जोड़ा गया है जो खरीद प्रक्रिया के दौरान मदद करेगा.

मीडिया ब्रीफिंग में मौजूद कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि सरकार का इरादा यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक किसानों को एमएसपी खरीद का लाभ मिले, जिसे सरकार ने पिछले पांच वर्षों में काफी बढ़ाया है.

सचिव के मुताबिक, ‘पंजाब समेत ज्यादातर राज्य पूरी तरह से तैयार हैं. सभी राज्य चाहते हैं कि खरीद प्रक्रिया से किसान लाभान्वित हों न कि व्यापारी.’ यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि MSP का लाभ सिर्फ किसानों तक पहुंचे.

उन्होंने कहा कि मार्केटिंग ईयर 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में रिकॉर्ड 879.01 लाख टन धान 1 लाख 65 हजार 956.90 करोड़ रुपये के MSP मूल्य पर खरीद की गई, जबकि मार्केटिंग ईयर 2020-21 (अप्रैल-मार्च) में रिकॉर्ड 389.93 लाख टन गेहूं की 75 हजार 60 करोड़ रुपए के एमएसपी मूल्य पर की गई है.

उन्होंने कहा कि ये प्रयास पिछले पांच वर्ष में केवल किसानों के हित में किए जा रहे हैं और सरकार चाहती है कि MSP का लाभ वास्तविक किसानों तक पहुंचे.

Published - September 14, 2021, 06:18 IST