केन्द्र सरकार ने उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर खाद्य तेलों (edible oil) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए क्रूड पाम, क्रूड सोयाबीन और क्रूड सूरजमुखी तेल पर मानक शुल्क दर घटाकर दो दशमलव पांच प्रतिशत कर दी है. रिफाइंड पाम, रिफाइंड सोयाबीन और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर मानक शुल्क दर कम करके 32 दशमलव पांच प्रतिशत कर दी गई है. क्रूड पाम ऑयल पर कृषि उपकर साढ़े सत्रह प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है.
वर्ष 2021-22 के दौरान अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर खाद्य तेलों (edible oil) के दाम ज्यादा रहे हैं जो मुद्रास्फीति और उपभोक्ताओं के लिये चिंताजनक हैं. खाद्य तेलों पर आयात शुल्क एक महत्वपूर्ण कारण है जिससे खाद्य तेलों की लागत बढ़ती है और घरेलू कीमतों पर असर पड़ता है.
बढ़ती कीमतें कम करने के लिए सरकार ने इस वर्ष फरवरी से अगस्त के बीच कई कदम उठाए थे. इनमें आयात शुल्क को युक्तिसंगत करना, रिफाइंड पाम ऑयल की आयात नीति में संशोधन करते हुए इसे प्रतिबंधित से मुक्त श्रेणी में करना, क्रूड सोयाबीन तथा क्रूड सूरजमुखी तेल और रिफाइंड सोयाबीन तथा सूरजमुखी तेल के मानक शुल्क दर को कम करना, सरकारी एजेंसियों द्वारा विभिन्न बंदरगाहों पर सुविधाएं तैयार करना और आयातित खाद्य तेलों की खेप के लिए मंजूरी प्रक्रिया तेज करना शामिल हैं। कोविड महामारी के कारण खाद्य तेलों की आयात प्रक्रिया में देरी हुई थी.
खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि पूरे वर्ष में पहले ही खाद्य तेलों पर अनुमानित तीन हजार पांच सौ करोड़ रूपये की शुल्क कटौती की जा चुकी है.