Foreign Direct Investment: भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जून के दौरान दोगुना बढ़कर 17.57 अरब अमरीकी डॉलर हो गया है. नीतिगत सुधारों और व्यापार करने में आसानी जैसे उपायों के कारण विदेशी निवेश में बढौतरी हुई हैं.
शनिवार को सरकार के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 2021-22 के पहले तीन महीनों के दौरान कुल FDI प्रवाह बढ़कर 22.53 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 11.84 अरब अमेरिकी डॉलर था. कुल FDI में इक्विटी इनफ्लो, पुनर्निवेशित आय (रीइंवेस्टेड अर्निंग्स) और अन्य पूंजी शामिल हैं.
FDI इक्विटी प्रवाह 168% बढ़ा
बयान में कहा गया है, “FDI इक्विटी प्रवाह 2021-22 के पहले तीन महीनों में 17.57 अरब अमरीकी डॉलर हो गया हैं, जो एक साल पहले की अवधि में 6.56 अरब अमरीकी डॉलर था. यानि, FDI इक्विटी प्रवाह में 168% की वृद्धि हुई हैं.”
ऑटोमोबाइल उद्योग में सबसे अधिक FDI
आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान सबसे अधिक FDI ऑटोमोबाइल उद्योग में हुआ हैं, जो कुल FDI इक्विटी प्रवाह का 27 प्रतिशत हैं. इसके बाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (17 प्रतिशत) और सेवा क्षेत्र (11 प्रतिशत) में अच्छा FDI रहा हैं.
FDI पाने में कर्नाटक रहा आगे
अप्रैल-जून 2021 के दौरान सबसे अधिक FDI पाने वाले राज्यों की बात करें तो कर्नाटक सबसे आगे है, क्योंकि कुल FDI इक्विटी प्रवाह का 48 प्रतिशत हिस्सा इस राज्य का है. इसके बाद महाराष्ट्र (23 फीसदी) और दिल्ली (11 फीसदी) का स्थान रहा.
पिछले महीने, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा था कि, दूसरे देशों में निवेश प्रवाह में कमी हुई हैं, वहीं इसके विपरीत, भारत ने कोविड के बावजूद अब तक का सबसे अधिक एफडीआई प्राप्त किया हैं. FY21 में, भारत को $81.72 अरब FDI प्राप्त हुआ था. मंत्रालय के अनुसार, यह राशि एक साल पहले की तुलना में 10% अधिक थी.