केंद्र सरकार की नई सख्त गाइडलाइन के चलते इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी डिपार्टमेंट वर्तमान में जबरदस्त रूप से सक्रिया है. बात जब टैक्स चोरी और बड़े कैश के ट्रांजेक्शन पर नजर रखने की हो तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) और दूसरे इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म जैसे म्यूचुअल फंड हाउस, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और डीलर ने भी अपनी गाइडलाइन्स को और सख्त बता दिया है.
इसलिए कहा जाता है कि सभी करदाताओं को उन सभी जरूरी दस्तावेजों को संभालकर रखना चाहिए जो इनकम टैक्स का नोटिस आपने पर आपको सही साबित कर सकें. जानिए वो कौन से हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शन हैं, जिनके कारण आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस आ सकता है.
– सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने सभी बैंक और को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए अनिवार्य कर दिया है कि एक वित्त वर्ष में अगर कोई व्यक्ति 10 लाख रुपए से ज्यादा कैश जमा कराता है, उन्हें जानकारी देनी होगी
– एक वित्त वर्ष में करेंट अकाउंट से 50 लाख से ज्यादा की राशि निकालने या जमा कराने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेज सकता है.
– शेयर, म्यूचुअल फंड्स, डिबेंचर्स और बॉन्ड आदि को लेकर भी सरकार ने नियम कड़े कर दिए हैं. बॉन्ड या डिबेंचर जारी करने वाली कंपनियों या संगठनों को एक वित्त वर्ष में कुल 10 लाख रुपए या उससे अधिक के बॉन्ड या डिबेंचर खरीदने वाले व्यक्ति की जानकारी सरकारी को देनी होगी. इसलिए, स्टॉक और म्यूचुअल फंड खरीद की रिपोर्टिंग पर एक तुलनीय कैप लगाई गई है.
SAG इंफोटेक के एमडी अमित गुप्ता ने बताया कि “अगर कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए से ज्यादा खाते में जमा कराता है, तो बैंक को इनकम टैक्स अथॉरिटी को उस व्यक्ति के बारे में जानकारी देनी होगी. 10 लाख के शेयर, डिबेंचर्स, म्यूचुअल फंड्स कैश कंपोनेट्स में निवेश करने वालों को हाई अलर्ट पर रहना चाहिए. ”
– जब बात संपत्ति की लेन देन की आए तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को उन लोगों की जानकारी जांच एजेंसियों को देना अनिवार्य है, जिन्होंने 30 लाख से ज्यादा की अचल संपत्ति को खरीदा या बेचा है.
– 10 लाख रुपए तक की विदेशी मुद्रा खरीदारी की सूचना टैक्स डिपार्टमेंट को दी जाती है. विदेशी मुद्रा खरीद में यात्रियों के चेक, विदेशी मुद्रा कार्ड, डेबिट या क्रेडिट कार्ड शामिल हैं.
– CBDT ने चेताया है कि 1 लाख रुपए या उससे अधिक के क्रेडिट कार्ड बकाया के लिए नकद में किए गए भुगतान की घोषणा करनी होगी. साथ ही, अगर कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए या उससे अधिक का क्रेडिट या डेबिट कार्ड का भुगतान करता है तो टैक्स डिपार्टमेंट को इसकी जानकारी देनी होगी.
– कोई बिजनेस मैन या नौकरीपेशा व्यक्ति 2 लाख (प्रति व्यक्ति या प्रति ट्रांजेक्शन) से ज्यादा का सामान खरीदता, बेचता या सेवाएं देता है तो उन्हें इसकी रसीद हासिल कर नहीं होगी.
– इलेक्ट्रिसिटी पर 1 लाख से ज्यादा का खर्च पर करने पर इनकम टैक्स नोटिस आने का खतरा.
इसलिए इनकम टैक्स के नोटिस से बचने के लिए आपको इन हाई वैल्यू वाले कैश ट्रांजेक्शन से बचना चाहिए.