आगामी दिनों में अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) में 20 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करते हुए अडानी समूह जल्द ही हाइड्रोजन फ्यूल के क्षेत्र में भी एंट्री करेगा. यहां उसका मुकाबला अंबानी समूह के साथ होगा. अरबपति गौतम अडानी ने मंगलवार को कहा कि उनका समूह आने वाले 10 सालों में अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) के प्रोडक्शन और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग में 20 बिलियन अमरिकी डॉलर का निवेश करेगा. उन्होंने यहां तक दावा किया है कि इस निवेश के जरिए दुनिया में सबसे सस्ते ग्रीन इलेक्ट्रॉन का उत्पादन किया जा सकेगा.
पोर्ट-टू-एनर्जी समूह ने अगले चार सालों में अपनी अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) उत्पादन क्षमता को तीन गुना करने की योजना बनाई है. इस योजना में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में प्रवेश, नवीकरणीय ऊर्जा के साथ सभी डेटा केंद्रों को शक्ति प्रदान करना और साल 2025 तक अपने सभी पोर्ट को जीरो कार्बन उत्सर्जन में बदलना आदि शामिल हैं. गौतम अडानी का कहना है कि साल 2025 तक ग्रीन टेक्नोलॉजी पर अपनी कैपिटल एक्सपेंडिचर का कुल 75 फीसदी बजट खर्च किया जाएगा.
जेपी मॉर्गन इंडिया इन्वेस्टर समिट में बोलते हुए अडानी समूह के अध्यक्ष ने कहा कि 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) उत्पादन, कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसमिशन और सर्कुलेशन में होगा. उन्होंने कहा कि अडानी समूह की सबसे कम खर्च में ग्रीन इलेक्ट्रॉन के उत्पादक बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
हालांकि इससे पहले भारत के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी ने भी हाल ही में क्लीन एनर्जी और हाइड्रोजन फ्यूल में निवेश करने की घोषणा की थी. अंबानी ने तीन साल के लिए 75 हजार करोड़ रुपये (10 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के निवेश की घोषणा की थी जिसके कुछ सप्ताह बाद अब अडानी समूह भी मैदान में उतरा है.