Aatm Nirbhar Bharat Abhiyan: कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान मोदी सरकार की ओर से शुरू की गई एक प्रमुख योजना आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) का लाभ अब दिखाई देने लगा है. महामारी के चलते लॉकडाउन के कारण नौकरी खोने वाले बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत पिछले 10 महीने के दौरान 3.29 मिलियन रोजगार का सृजन किया गया है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा साझा किए गए नए आंकड़ों से इसका पता चला है.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की खबर के अनुसार सरकार ने 31 मार्च, 2022 तक 5.85 मिलियन रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा है, इसके बाद यह योजना बंद हो जाएगी. इसका मतलब यह है कि अगले छह महीनों में 2.56 मिलियन औपचारिक नौकरियों की कमी को पूरा करने की जरूरत है. कुल सृजित नौकरियों में से 2.88 मिलियन नए कर्मचारी हैं जबकि 0.41 मिलियन पुन: नियोजित कर्मचारी हैं. सितंबर 2021 तक इस योजना के तहत 1,845 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गई, जबकि 31 मार्च 2024 तक खर्च 22,810 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जानी है. अगर देखा जाए तो इस कुल राशि में से केवल 8% के लगभग ही वितरण हुआ है.
ABRY नवंबर 2020 में शुरू की गई सरकार की प्रमुख योजना है. इसे शुरू में 1 अक्टूबर, 2020 से 30 जून, 2021 तक घोषित किया गया था. हालांकि दूसरी लहर के बाद इस योजना को 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया है. यह योजना 15,000 रुपये प्रति माह से कम आय वाले कर्मचारियों के लिए लागू है. यहां तक कि वे कर्मचारी जिन्होंने 1 मार्च, 2020 और 30 सितंबर के बीच महामारी की अवधि के दौरान नौकरी खो दी थी और बाद में 1 अक्टूबर, 2020 के बाद ईपीएफओ पंजीकृत प्रतिष्ठानों के तहत कार्यरत हो गए.
वे वेतन सीमा के अधीन योजना के तहत लाभ के पात्र हैं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों से पता चला है कि सितंबर 2021 तक भारत में 406.2 मिलियन कर्मचारी थे, जो कि 2019-20 में कुल कर्मचारियों की संख्या से 2.7 मिलियन कम है.