यूनिकॉर्न क्लब में इस साल अब तक शामिल हुए 32 स्टार्टअप, इस सेक्टर का रहा बड़ा योगदान

Indian Unicorn Club: कोविड के दौरान वर्क फ्रॉम होम से भारत में डिजिटल व्यवसायों की ग्रोथ को बढ़ावा मिला. इससे लंबी यूनिकॉर्न लिस्ट बन गई

32 startups join the unicorn club in 2021 till now, this sector is biggest contributor

फासोस और बेहरूज बिरयानी जैसे क्लाउड किचन ब्रांडों के नेटवर्क को ऑपरेट करने वाला रेबेल फूड्स गुरुवार को यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गया

फासोस और बेहरूज बिरयानी जैसे क्लाउड किचन ब्रांडों के नेटवर्क को ऑपरेट करने वाला रेबेल फूड्स गुरुवार को यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गया

भारत ने इस साल औसतन एक महीने में तीन से अधिक यूनिकॉर्न (unicorn) तैयार किए हैं, जिसकी संख्या पहले ही 32 तक पहुंच गई है. इस गति से 2021 लगभग 40 यूनिकॉर्न के साथ खत्म हो सकता है. इस साल डिजिट इंश्योरेंस के साथ यूनिकॉर्न की दौड़ शुरू हुई थी. इसने फिनटेक से लेकर ई-शॉपिंग और यहां तक कि क्लाउड किचन तक के विविध क्षेत्रों को कवर किया है.

फासोस और बेहरूज बिरयानी जैसे क्लाउड किचन ब्रांडों के नेटवर्क को ऑपरेट करने वाला रेबेल फूड्स गुरुवार को यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गया. यूनिकॉर्न का मतलब है ऐसी स्टार्टअप कंपनी, जिसकी वैल्यू एक अरब डॉलर या उससे ज्यादा है.

यूनिकॉर्न रश में टेक्नोलॉजी का कितना रोल

कोविड के दौरान वर्क फ्रॉम होम से भारत में डिजिटल व्यवसायों की ग्रोथ को बढ़ावा मिला. इससे लंबी यूनिकॉर्न लिस्ट बन गई. इंडस्ट्री एक्सपर्ट और इन्वेस्टर्स ने कहा कि तीन फैक्टर – डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम, बड़ा स्मार्टफोन यूजर बेस और डिजिटल-फर्स्ट बिजनेस मॉडल ने मिलकर निवेशकों को आकर्षित किया है.

बिजनेस स्टैंडर्ड ने ओरियोस वेंचर पार्टनर्स के मैनेजिंग पार्टनर अनूप जैन के हवाले से कहा कि जो टेक कंपनियां घरेलू ब्रांड बन गई हैं, वे देश में यूनिकॉर्न बूम में योगदान दे रही हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि स्मार्टफोन की पैठ और हर एक एस्पेक्ट में कॉमर्स के डिजिटाइजेशन से महामारी के दौरान जीवन कई गुना बढ़ गया. ओरियोस वेंचर पार्टनर्स का फार्मईजी जैसे यूनिकॉर्न में इन्वेस्टमेंट है.

7 फिनटेक यूनिकॉर्न सूची में शामिल

डिजिटल पेमेंट में ग्रोथ उस सेक्टर में दिखती है, जिसने यूनिकॉर्न लिस्ट में सबसे अधिक योगदान दिया है. 2011 से 2020 के बीच भारत के पास फिनटेक लिस्ट से छह यूनिकॉर्न थे. 2011 में सबसे पहला यूनिकॉर्न इनमोबी था. इस साल पहले ही सात फिनटेक यूनिकॉर्न सूची में शामिल हो चुके हैं.

फिनटेक के अलावा, SaaS (सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस), ई-कॉमर्स ग्रॉसरी और मार्केटप्लेस प्लेयर्स यूनिकॉर्न यूनिवर्स में सबसे अधिक योगदान दे रहे हैं. इन्वेस्टर्स की बात करें तो टाइगर ग्लोबल और सिकोइया कैपिटल ने इकोसिस्टम पर रूल करना जारी रखा.

किस सेक्टर में कितने यूनिकॉर्न

इस साल फिनटेक सेक्टर के सात स्टार्टअप यूनिकॉर्न लिस्ट में शामिल हुए. वहीं ई-कॉमर्स/ग्रॉसरीज/सोशल कॉमर्स/बेबी केयर/ऑनलाइन फार्मेसी से 4, बी2बी ई-कॉमर्स से 2, मार्केटप्लेस से 4, SaaS से 4, क्रिप्टो से 3, एडटेक से 3, सोशल मीडिया से 2, गेमिंग से 1, डी2सी से 1 और फूडटेक से 1 हैं.

फिनटेक सेक्टर से जो सात यूनिकॉर्न हैं, उनमें सबसे पहला है डिजिट. इसके बाद फाइव स्टार बिजनेस फाइनेंस, क्रेड, ग्रो, जीटा, ऑफबिजनेस, भारतपे हैं.

साल के हिसाब से ब्रेकअप

भारत को सबसे पहला यूनिकॉर्न इनमोबी 2011 में मिला था. इनमोबी एडटेक-मोबाइल एड्स स्टार्टअप था. इसके बाद 2012 में ई-कॉमर्स फ्लिपकार्ट इस क्लब में शामिल हुआ. 2013 में SaaS- एनालिटिक्स MU सिग्मा और 2014 में ई-कॉमर्स स्नैपडील ने इस क्लब में जगह बनाई. 2015 में भारत को 4, 2016 में 2, 2017 में शून्य, 2018 में 7, 2019 में 9, 2020 में 10 और 2021 में 32 यूनिकॉर्न मिले. भारत को 2011 से लेकर अब तक कुल 69 यूनिकॉर्न मिल चुके हैं.

डिजिटल भुगतान में 30.19% की वृद्धि

देश में लगभग 64 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं. इनमें से 55 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं. इसके अतिरिक्त, वित्त वर्ष 2021 में डिजिटल भुगतान में 30.19% की वृद्धि देखी गई. साथ ही, 30 सितंबर, 2021 के अंत में UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) इकोसिस्टम में 3.5 अरब ट्रांजैक्शन देखे गए, जिसकी राशि 6.54 लाख करोड़ रुपये थी.

ब्लैकसॉइल के सह-संस्थापक और निदेशक अंकुर बंसल के हवाले से बिजनेस स्टैंडर्ड ने लिखा, ‘फिनटेक, SaaS और ई-कॉमर्स बड़े पैमाने पर निवेश हासिल करना जारी रखेंगे. इस स्पेस में कई और यूनिकॉर्न की उम्मीद की जा रही है.’

छोटे शहरों में डिजिटल बूम

विश्लेषकों का कहना है कि अगले 50 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता छोटे शहरों से आने के साथ, डिजिटल बिजनेस की ग्रोथ यहीं से होने वाली है. निवेशक इसी का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं वेंचर कैपिटल इन्वेस्टर्स और एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि 2025 तक भारत में 150 यूनिकॉर्न होंगे.

Published - October 9, 2021, 11:45 IST