डिजिटल पेमेंट्स (Digital Payments) में डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स का इस्तेमाल सबसे पसंदीदा विकल्पों में माना जाता है. रिजर्व बैंक (RBI) के एक सर्वे से इस बात का पता चला है.
हालांकि, ये सर्वे दिसंबर 2018 से जनवरी 2019 के बीच देश के छह शहरों में किया गया है, लेकिन RBI ने इनके नतीजों को पिछले महीने ही प्रकाशित किया है.
इस सर्वे में 6,192 लोगों ने हिस्सा लिया. इसमें से 92 फीसदी लोगों की सालाना आमदनी 5 लाख रुपये तक थी, जबकि 88 फीसदी की उम्र 18-44 साल के बीच थी.
इस सैंपल में से 81 फीसदी ने सेंकेडरी और इससे ऊपर की पढ़ाई की थी. 68 फीसदी लोग या तो सैलरीड तबके से थे या सेल्फ-एंप्लॉयड रहे.
कार्ड पहली पसंद
62.5 फीसदी रेस्पॉन्डेंट्स ने कहा है कि डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स उनके पसंदीदा डिजिटल पेमेंट (Digital Payments) का जरिया हैं. 31.3 फीसदी लोगों ने कहा है कि वे नेट बैंकिंग को तरजीह देते हैं.
IMPS (Immediate Payment Service) को करीब 7.2 फीसदी लोगों ने लेनदेन के लिए अपनी पसंद बताया है. दूसरी ओर, NEFT/RTGS 9.9 फीसदी लोगों की पसंद है. मोबाइल वॉलेट्स को 13.8 फीसदी लोगों ने तवज्जो दी है, जबकि भीम यूपीआई को 23.8 फीसदी लोगों ने चुना है.
इस सर्वे में 27.5 फीसदी लोगों ने मोबाइल बैंकिंग को चुना है और इस सर्वे में ये तीसरा सबसे पसंदीदा विकल्प रहा है.
सहूलियत पर जोर
डिजिटल पेमेंट्स (Digital Payments) के पक्ष में 60.4 फीसदी लोगों का कहना है कि सहूलियत के चलते वे इसका इसका इस्तेमाल करते हैं. 12.8 फीसदी लोगों ने कहा है कि इससे उन्हें डिस्काउंट्स मिल पाते हैं, जबकि 8.7 फीसदी लोगों ने कहा है कि वे इस पर भरोसा करते हैं.
बढ़ती जागरूकता
सर्वे में पाया गया है कि डिजिटल पेमेंट (Digital Payments) को लेकर जागरूकता बड़े पैमाने पर लोगों में मौजूद है और इसका उनकी पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा लेनादेना नहीं है.
पोस्ट ग्रेजुएट लेवल या उससे ऊपर की पढ़ाई कर चुके 99 फीसदी लोग डिजिटल तरीकों (Digital Payments) को लेकर जागरूक हैं. दूसरी ओर, 85.3 फीसदी ऐसे लोगों में भी इसे लेकर जागरूकता है जिन्होंने केवल 5 वीं तक पढ़ाई की है. शिक्षा का स्तर बढ़ने के साथ-साथ इन तरीकों को लेकर जागरूकता भी बढ़ती जाती है.
हालांकि, रिटायर हो चुके लोगों और दिहाड़ी कामगारों में इन्हें लेकर कम जानकारी है. करीब 90.5 फीसदी रिटायर्ड लोगों को डिजिटल पेमेंट्स (Digital Payments) के तरीकों की जानकारी है, जबकि 89.6 फीसदी दिहाड़ी मजदूर इससे वाकिफ हैं.
शॉपिंग
शॉपिंग, मनी ट्रांसफर, बिल पेमेंट और मोबाइल फोन और टीवी रीचार्ज जैसे कामों के लिए आमतौर पर डिजिटल लेनदेन (Digital Payments) का इस्तेमाल होता है.
59.4 फीसदी लोगों ने कहा है कि वे इनका इस्तेमाल शॉपिंग के लिए करते हैं, जबकि 56.6 फीसदी ने कहा है कि वे डिजिटल पेमेंट्स का इस्तेमाल बिलों का भुगतान और मनी ट्रांसफर के लिए करते हैं. 51.5 फीसदी लोगों का कहना है कि वे इसका इस्तमाल फोन या टीवी रीचार्ज में करते हैं.
बढ़ते फ्रॉड
भारत में डिजिटल पेमेंट्स (Digital Payments) में इजाफा होने के साथ ही फ्रॉड की घटनाओं में भी तेजी आ रही है. RBI की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, 1 लाख रुपये या उससे ज्यादा के बैंक फ्रॉड्स के आंकड़े 2019-20 में दोगुनी होकर 1.85 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गए हैं जो कि 2018-19 में 71,500 करोड़ रुपये पर थे.