Vaccines In Delhi: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए पर्याप्त वैक्सीन डोज नहीं हैं और वैक्सीन उत्पादकों को टीकों के लिए ऑर्डर दिया गया है. हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि सभी वयस्कों को वैक्सीन लगाने के लिए तैयारी पूरी है. सत्येंद्र जैन ने कहा, “फिलहाल हमारे पास वैक्सीन नहीं है. हमने कंपनियों से उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.”
ये पूछे जाने पर कि क्या 1 मई से वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत हो पाएगी, जैन ने कहा कि वे इसपर एक से दो दिन में जानकारी देंगे. उन्होंने ये भी कहा कि वैक्सीन उत्पादकतों ने अभी तक दिल्ली सरकार को वैक्सीन सप्लाई का शेड्यूल जारी नहीं किया है.
आपको बता दें कि कोविन प्लेटफॉर्म (CoWIN) पर 18 वर्ष से ऊपर के लोगों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है लेकिन ये लोग वैक्सीन के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट नहीं बुक करवा पा रहे. आरोग्य सेतु ऐप ने जानकारी दी है कि राज्यों की तैयारी, वैक्सीनेशन सेंटर्स की जानकारी और वैक्सीन उपलब्धता के बाद ही अपॉइंटमेंट बुक हो सकेंगे. वहीं तीसरे चरण में वैक्सीन लगवाने के लिए 18 से 44 वर्ष के लोगों को ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेकर ही जाना होगा.
गौरतलब है कि मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ऐलन किया था कि दिल्ली में 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन मुफ्त में लगाई जाएगी. उन्होंने तब जानकारी दी थी कि दिल्ली सरकार ने 1.34 करोड़ वैक्सीन डोज के लिए उत्पादकों को ऑर्डर दिया था.
वहीं दिल्ली में टेस्टिंग में आई कमी पर सफाई देते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से लोगों की आवाजाही घटी. दरअसल जहां दिल्ली में पहले 1 लाख से ज्यादा टेस्ट हो रहे थे वहीं अब कुछ दिनों से 75,000 टेस्ट हो रहे हैं.
पिछले 24 घंटों में दिल्ली (Delhi) में 81,829 टेस्ट किए गए हैं जिसमें से 26,127 रैपिड एंटिजन टेस्ट थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में लोग टेस्टिंग के लिए स्लॉट बुक नहीं करवा पा रहे.
दिल्ली में 25,986 नए मरीज मिले और 368 लोगों की मौत हुई है. वहीं पश्चिम बंगाल, जहां आज विधानसभा के आखिरी चरण में वोट डाले जा रहे हैं, वहां कल 17,207 नए मरीज पाए गए हैं और 77 लोगों की मौत हुई है.
वहीं राजधानी में कल 57,718 वैक्सीन डोज लगाई गई है जिसमें से 32,272 लोगों को पहली डोज दी गई है और 19,446 लोगों को दूसरी डोज. यानी कुल वैक्सीनेशन में से पहली डोज लेने वाले लोग सिर्फ 56 फीसदी थे.