रेमडेसिविर कोई जीवनरक्षक दवा नहीं है: डॉ. शशांक जोशी

Remdesivir: जो मरीज अस्‍पताल में भर्ती हैं उनकी रिकवरी में ये दवा मददगार होती है. सामान्य रूप से बीमार लोगों को इसके लिए परेशान नहीं होना चाहिए.

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इस समय कोरोना वायरस से पूरा देश परेशान है. हालांकि, अब कोरोना के मामलों में कुछ कमी भी आती हुई दिख रही है. लेकिन, कोरोना संक्रमण के बीच इंफॉर्मेशन के साथ मिसइंफॉर्मेशन का भी सैलाब है. ऐसे समय में आपको क्‍या करना चाहिए और क्‍या सावधानी बरतनी चाहिए. इन सबके बारे में महाराष्ट्र के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी ने Money9 के साथ हुई एक्‍सक्‍लूसिव बातचीत में विस्‍तार से जानकारी दी.

इस समय चारों ओर रेमडेसिविर इंजेक्शन का बहुत शोर है. रेमडेसिविर की जरूरत किन मरीजों को है? इसके इस्‍तेमाल का सही समय क्‍या है?
रेमडेसिविर (Remdesivir) एक एक्‍सपेरिमेंटल इनवेस्टिगेशनल मेडिसिन है. ये लाइफ सेविंग दवाई नहीं है. पूरी दुनिया में इसके चार ट्रायल हुए उसमें देखा गया कि रेमडेसिविर (Remdesivir) से किसी की जान नहीं बची. क्‍लीनिकल रिकवरी में इसका फायदा जरूर होता है. ये दवा आपको अस्‍पताल में 3-4 दिन अतिरिक्‍त भर्ती होने से बचाती है. जो मरीज अस्‍पताल में भर्ती हैं उनकी रिकवरी में ये दवा मददगार होती है. घर में ये दवा कभी भी नहीं लेनी चाहिए. कोविड होने के 10 दिनों के अंदर ही इस दवा को लेने का फायदा होता है.

अगर किसी को घर में कोरोना संक्रमण के लक्षण लगें तो उसे अस्‍पताल कब जाना चाहिए? घर में वो कब तक केयर कर सकते हैं?
अगर कोविड संक्रमण होने के लक्षण दिखते हैं तो सबसे पहले अपने डॉक्‍टर से सलाह लें. डॉक्‍टर ही मरीज को देखकर ये तय करेंगे कि अस्‍पताल जाने की जरूरत है या नहीं. अगर मरीज को कोविड के लक्षण लगते हैं तो ऑक्‍सीमीटर से उसकी ऑक्‍सीजन का लेवल चेक करें और अगर इसकी मात्रा 93 प्रतिशत के नीचे आती है तो ये एक रेड अलर्ट हो सकता है. ऐसे में अस्‍पताल जाना चाहिए. ऑक्‍सीजन के स्‍तर को देखते रहना जरूरी है. 80 प्रतिशत मरीज घर पर ठीक हो सकते हैं सिर्फ 20 प्रतिशत मरीजों को ही अस्‍पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है.

महाराष्‍ट्र में अब मरीजों की संख्‍या कम होती नजर आ रही है ये कैसे संभव हुआ है? महाराष्‍ट्र से दूसरे राज्‍यों के लिए सीखने वाली क्‍या चीजें हैं?
महाराष्‍ट्र अभी भी थोड़ा संकट में है. मरीजों की संख्‍या कम हुई है लेकिन अभी भी दिक्‍कतें काफी हैं. अभी महाराष्‍ट्र को दो से चार सप्‍ताह का समय स्थिति को ठीक करने में और लगेगा. जिन मरीजों ने सही समय पर सही ट्रीटमेंट लिया है उनकी मौत की संख्‍या कम है.

क्‍या ऑक्‍सीजन केन को खरीदा जाना चाहिए? ऑक्‍सीजन सिलेंडर और ऑक्‍सीजन कांसनट्रेटर को लेकर भी लोगों के बीच काफी कंफ्यूजन है.
ऑक्‍सीजन सिलेंडर के पीछे बिलकुल न भागें. इन्‍हें अस्‍पतालों में रखा जाना ज्‍यादा जरूरी है. ऑक्‍सीजन कॉन्सनट्रेटर से अस्‍थमा के मरीजों को कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन इसको भी घर पर स्‍टोर करने का कोई फायदा नहीं है.

हम इस कोविड की दूसरी लहर से कब तक बाहर निकल पाएंगे? हम लोगों को अभी क्‍या करना चाहिए?
देश में ये लहर अभी पीक पर है. जून महीने तक ये लहर काफी कम हो जाएगी. लेकिन हमें पूरी तरह से अहतियात बरतनी होगी.

घर से निकलकर अभी वैक्‍सीन लेना सही है? मेरे लिए कौन सी वैक्‍सीन लेना सही रहेगा?
आपके घर के पास जो सबसे नजदीकी सेंटर हो वहां जो भी वैक्‍सीन लगाई जा रही हो वो आपके लिए सही रहेगी. वैक्‍सीन का मुख्‍य काम है जान बचाना इसलिए इसमें सोचने की जरूरत नहीं है. अगर आपको कोई बीमारी है तो डॉक्‍टर से पूछकर वैक्‍सीन लें. बीमारी नहीं होने पर आप तुरंत वैक्‍सीन ले सकते हैं. जितनी जल्‍दी वैक्‍सीन लेंगे उतना अच्‍छा रहेगा.

Published - April 28, 2021, 08:31 IST