भारत में अब तक कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है तो वहीं विश्व के दूसरे कोने में कोरोना संक्रमण (COVID-19 Infection) पर वार करने के लिए भी दवा तैयार है. लेकिन ये दवा नाक के जरिए दी जाती है और इस रास्ते होने वाले संक्रमण को खत्म करती है. इसे कैनडा स्थित कंपनी सैनोटाइज (SaNOtize) ने डेवलप किया है और युनाइटेड किंग्डम में किए गए दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल सफल भी रहे है. कंपनी के को-फाउंडर और CSO क्रिस मिलर ने मनी9 के साथ ई-मेल वार्ता में बताया है कि कंपनी अब भारत में एंट्री के लिए पार्टनर तलाश रही है.
भारत में ऐसी दवा की एंट्री बढ़ते कोरोना संक्रमण पर काबू पाने में असरदार होगी तो वहीं कंपनी के लिए भारत एक बड़ा बाजार बनकर उभर सकता है. लेकिन पहले समझते हैं कि ये स्प्रे है क्या और कैसे काम करता है.
नेसल स्प्रे (Nasal Spray) यानी नाक से दिया जाने वाला स्प्रे. मिलर कहते हैं कि कोरोना संक्रमण (COVID-19) के संपर्क में आने के बाद असरदार है – ठीक जैसे सैनेटाइजर हाथ या सामान पर से कोरोना वायरस को खत्म करता है वैसे ही ये दवा नाक में ही वायरस का खात्मा करती है जिससे उसे पूरे शरीर में संक्रमण फैलाने का मौका ही ना मिले. मिलरे का कहना है, “अगर आप आज या कल में किसी संक्रमित के संपर्क में आए हैं और सैनेटाइज (SaNOtize) के इस नेसल स्प्रे का आज इस्तेमाल करते हैं तो आपको कोविड-19 संक्रमण नहीं होगा. यूके में यूके वेरिएंट पर भी किए अध्ययन में ये सामने आया है कि अगर इस समय वायरल लोड कम किया जा सका तो बीमारी होने से रोका जा सकता है.”
अक्सर वैक्सीन आपके शरीर में एंटी बॉडी बनाकर प्रतिरोधी क्षमता यानी इम्युनिटी मजबूत करती हैं, लेकिन ये नेसल स्प्रे वैक्सीन नहीं है, दवा है जो वायरस को शरीर में फैलने से पहले नाक में खत्म करता है. मिलर कहते हैं कि NONS स्प्रे में नाइट्रिक ऑक्साइड का इस्तेमाल किया गया है जो हमारे शरीर में पहले से मौजूद होता है. नाइट्रिक ऑक्साइड हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम में पाया जाता है और बतौर एंटीवायरल मॉलिक्यूल जाना जाता है.
अब तक इस स्प्रे का ट्रायल जिनपर हुआ है उनमें अधिकतर 50 से 70 वर्ष के लोग शामिल थे. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक कैनडा में NONS के दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए किया गया जिन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. कंपनी के मुताबिक नतीजों में पाया गया कि ये काफी सुरक्षित है और जिनमें इसका इस्तेमाल हुआ उनमें से किसी को संक्रमण नहीं हुआ.
वहीं यूके में हुए टेस्ट में ये 79 कोरोना पॉजिटिव मामलों में ये पाया गया कि सैनेटाइज का इलाज कोविड-19 के शुरुआती इलाज में कारगर रहा – 24 घंटों के अंदर ये वायरल लोड को 95 फीसदी घटाने में कारगर हुआ तो वहीं 72 घंटों में 99 फीसदी घटाने में सफल रहा. कंपनी का कहना है कि ये कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट पर कारगर है, जिसमें यूके वेरिएंट भी शामिल हैं.
सौनेटाइज (SaNOtize) के मुताबिक कंपनी ने कैनडा की रेगुलेटरी बॉडी FDA से स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी लेने की ओर लगातार काम कर रही है तो वहीं अमेरिका में इसे क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी मिल गई है.
कंपनी के को-फाउंडर मिलर ने बताया है कि उन्हों कैनडा और यूके में मंजूरी पाने के लिए बात कर रहे हैं और अपना आवेदन जल्द देंगे.
क्रिस मिलर ने कहा है कि दवा को इजरायल और बहरीन में मंजूरी मिल गई है तो वहीं अन्य कई देशों में ये प्रक्रिया के अलग-अलग पड़ाव पर है. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल में कंपनी ने उत्पादन भी शुरू कर दिया है.
जब हमने मिलर से दवा की कीमत के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वे सभी लोगों के लिए एक जैसा रेट हो यह सुनिश्चित करने के लिए स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर लगातार काम कर रहे हैं.
वहीं कंपनी (SaNOtize) के पास एक प्रोडक्शन लाइन है और 4 और तैयार हो रहे हैं. हम भारत में विस्तार और प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए अच्छे पार्टनर की तलाश में हैं.
मिलर ने कहा है कि भारत में एंट्री के लिए उन्हें एक अच्छी फार्मा कंपनी के साथ पार्टनरशिप की तलाश है. हम कई पार्टनर्स के साथ संभावनाएं तलाश रहे हैं. खास तौर पर उनके साथ जिनका डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क सभी लोगों तक स्प्रे को पहुंचा सकता है – उन तक भी जिनतक वैक्सीन नहीं पहुंच पा रही.
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