Maharashtra Lockdown: कोरोना के कहर से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि वे जानते हैं कि लॉकडाउन से अर्थचक्र पर असर पड़ेगा लेकिन इससे कोरोना संकट का अनर्थ घटेगा. ठाकरे ने लॉकडाउन का ऐलान ना करते हुए भी इसका इशारा देते हुए कहा कि उन्होंने सभी के सुझावों पर गौर किया है लेकिन कोरोना को रोकने के लिए कोई और ठोस कदम नहीं उभरकर आया है. ठाकरे ने लोगों की ओर से ढिलाई रोकने की भी अपील की और कहा कि राज्य के मेडिकल इंफ्रा पर बोझ बढ़ रहा है.
मुख्यमंत्री ने राज्य में कोरोना संकट की गंभीरता को बताते हुए कहा कि इस समय जब नए वेरिएंट्स का भी खतरा बढ़ रहा है तब किसी भी तरह की ढिलाई नहीं की जा सकती है. सरकार अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, टेस्टिंग लैब्स की संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है लेकिन मेडिकल स्टाफ, नर्स और डॉक्टरों की संख्या सीमित ही है और उनपर बोझ बढ़ रहा है.
ठाकरे ने कहा है कि वे समझते हैं कि लॉकडाउन (Maharashtra Lockdown)लगने से कितनी दिक्क्तें होंगी लेकिन अभी रोजगार से ज्यादा जीवन बचाने पर जोर है. उन्होंने कहा कि वे इस संक्रमण को रोकने के लिए अन्य विकल्पों के सुझाव पर भी विचार करने को तैयार हैं लेकिन अभी कोई और ठोस विकल्प नहीं दिख रहा.
ठाकरे ने राज्य में तेजी से हो रही वैक्सीनेशन की सराहना करते हुए कहा कि देश में सबसे ज्यादा वैक्सीन महाराष्ट्र में ही लगाई गई है. अब तक 65 लाख लोगों से ज्यादा को वैक्सीन डोज दिए गए हैं जबकि एक दिन में 3 लाख से ज्यादा को कोरोना टीका लगाया गया है. उन्होंने कहा कि वे एक दिन में वैक्सीन लगाने की संख्या 7-8 लाख तक ले जाने की भी तैयारी में है. उन्होंने कहा कि राज्य सिर्फ 2 टेस्टिंग लैब से उठकर 500 लैब्स तक पहुंचा है, ठीक इसी तरह वेंटिलेटर, बेड्स, ऑक्सिजन सिलेंडर की भी आपूर्ती की जा रही है लेकिन टेस्टिंग, ट्रैकिंग, इलाज और वैक्सीनेशन की पूरी प्रक्रिया मेडिकल स्टाफ के लिए भी चिंता का सबब बन रही है. इस परिस्थिति में आम लोगों का समर्थन और सहयोग जरूरी है.
उन्होंने कहा कि राज्य केंद्र के निर्देशानुसार 70 फीसदी RT-PCR टेस्ट कर रहा है. लेकिन उन्होंने इस बात पर भी केंद्रित किया कि कई जिलों में बढ़ते मामलों के साथ आने वाले दिनों में वेंटिलेंटर, बेड्स, ऑक्सिजिन सिलेंडर की कमी हो सकती है.
लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 की इस लड़ाई में अभी शस्त्र नहीं डाले जा सकते. सरकार के साथ ही लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी. अप्रैल अंत तक उन्होंने लोगों से धीरज से काम लेने की अपील की.
सिर्फ महाराष्ट्र से ही एक दिन में 43,183 नए मरीज हैं और 249 लोगों की जान गई है. राज्य में एक्टिव मामले 12.88 फीसदी हैं जो देश में सबसे ज्यादा हैं. महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा मामले छत्तीसगढ़ से आए हैं.