VIDEO: ICMR ने कहा डबल म्यूटेंट पर भी कारगर है कोवैक्सीन, आपको लगवानी चाहिए कौन सी वैक्सीन?

Corona Double Mutant: डॉ पांडा ने कहा कि इस अध्य्यन में कोवैक्सीन के भारत में पाए डबल म्यूटेंट के साथ ही यूके और ब्राजील वेरिएंट पर असर को भी जांचा गया है.

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भारत बायोटेक की कोवैक्सीन

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन

पिछले महीने ही भारत में सामने आए कोविड-19 के डबल म्यूटेंटे पर स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक की बनाई कोवैक्सीन कारगर है. ICMR ने जनकारी देते हुए कहा कि उनके अध्ययन में पाया गया है कि कोवैक्सिन SARS-CoV-2 के अलग-अलग वेरिएंट्स को बेअसर करने में कारगर है और इसमें डबल म्यूटेंट स्ट्रेन (Corona Double Mutant Strain) भी शामिल है. जब देश के कई राज्यों में डबल म्यूटेंट का खतरा है तो क्या लोग कोवैक्सीन को ज्यादा प्राथमिकता देंगे? ICMR के साइंटिस्ट डॉ समीरन पांडा ने मनी9 से खास चर्चा में इसकी बारीकियां समझाईं. दरअसल कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने ICMR के साथ पार्टनरशिप में ही डेवलप किया है.

ICMR ने कहा है कि उन्होने ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और यूके के वेरिएंट को सफलता पूर्वक आइसोलेट किया है. ICMR-NIV ने कहा है कि कोवैक्सीन ब्राजील और यूके वेरिएंट (Corona Variants) पर भी कारगर है. अब ICMR-NIV ने डबल म्यूटेंट (Corona Double Mutant) को भी आइसोलेट करने में कामयाब रही है और कोवैक्सीन इसे रोकने में भी सफल रही है.

तो क्या वैक्सीन दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट पर भी काम करेगी? इसपर डॉ पांडा का कहना है कि दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट पर कोवैक्सीन की कारगर क्षमता पर अभी अध्य्यन जारी है और उसपर ज्यादा जानकारी इसके बाद ही सामने आएगी.

क्या कोविशील्ड भी डबल म्यूटेंटे पर असरदार है?

डॉ पांडा ने कहा कि इस अध्य्यन में कोवैक्सीन के भारत में पाए डबल म्यूटेंट के साथ ही यूके और ब्राजील वेरिएंट पर असर को भी जांचा गया है. क्योंकि एस्ट्राजेनेका की बनाई कोविशील्ड के यूके वेरिएंट के असर पर पहले ही ब्रिटेन में अध्य्यन हुए हैं तो इस वैक्सीन की दोबारा जांच नहीं की गई है.

क्या अब लोग कोवैक्सीन लगवाना पसंद करेंगे?

वैक्सीन का काम है शरीर में प्रतिरोधि क्षमता तैयार करना यानी वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी को मजबूत करना. वैक्सीन लगने के बाद भी संक्रमण हो सकता है लेकिन उसकी गंभीरता बेहद कम होगी. डॉ पांडा के मुताबिक जो भी वैक्सीन हो वो जरूर लगवानी चाहिए.

क्या एक कंपनी की वैक्सीन का पहला डोज लेकर दूसरी कंपनी का बूस्टर डोज लगवा सकते हैं?

इस सवाल पर डॉ पांडा ने सफाई देते हुए कहा कि अगर दोनों वैक्सीन अलग-अलग प्लेटफॉर्म यानी दोनों का मैकेनिज्म अलग है तो ऐसा नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी इसपर कोई अध्य्यन नहीं किया गया है और फिलहाल जिस कंपनी की वैक्सीन का पहला डोज लिया है उसी कंपनी का दूसरा डोज भी लेना चाहिए. गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इस तरह की वैक्सीन मिक्सिंग को लेकर रिसर्च शुरू की है.

डॉ पांडा ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए मास्क पहनना, हाथ धोना और सामाजिक दूरी का पालन करना जरूरी है. उनके साथ वैक्सीन की एफिशियंसी से लेकर ट्रिपल म्यूटेंट के खतरे पर यहां देखिए पूरी चर्चा –

Published - April 21, 2021, 07:06 IST