हिमाचल प्रदेश के मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर ने मंगलवार को ऐलान किया है कि राज्य के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ जो कोविड ड्यूटी (COVID Duty) कर रहे हैं, उन्हें इन्सेंटिव दिया जाएगा. इसमें एमबीबीएस (MBBS) के फाइनल वर्ष के छात्रों, कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे डॉक्टरों और जूनियर और सीनियर रेसिडेंट्स को 3000 रुपये प्रति माह का इन्सेंटिव दिया जाएगा, तो वहीं जनरल नर्सिंग और मिडवाइफ्री (GNM) के तीसरे और अंतिम वर्ष के छात्रों और लैब स्टाफ को 1,500 रुपये प्रति महीने का इन्सेंटिव दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने ये कांगड़ा के अधिकारियों के साथ कोरोना माहमारी को लेकर हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में कहा है. इस बैठक में उन्होंने कोरोना के लिए राज्य की तैयारी और ऑक्सीजन आपूर्ति की भी समीक्षा की है.
प्रदेश में कोरोना से बचाव हेतु मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है।
हिमाचल में कोविड मरीजों में से 83,679 नागरिक अब पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। मरीजों की रिकवरी दर लगभग 78 प्रतिशत है। pic.twitter.com/XeWcEBi83K
— MyGov Himachal (@mygovhimachal) May 4, 2021
भारत में बढ़ते कोरोना संकट की वजह से बढ़ी मेडिकल स्टाफ (Medical Staff) की जरूरत को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई फैसलों को मंजूरी दे दी है. इसमें मेडिकल इंटर्न से लेकर MBBS के अंतिम साल के छात्रों और बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई किए छात्रों को कोरोना (COVID-19) के मरीजों की देखभाल से लेकर फोन पर कंसल्टेशन के लिए नियुक्त करने को मंजूरी दी गई है.
दरअसल कई स्वास्थ्य एक्सपर्ट और स्वास्थ्य मंत्री ने भी ये सुझाव दिया था कि बढ़ते मामलों के मद्देनजर नर्सों और डॉक्टरों की कमी हो रही है और मेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ाने के लिए फाइनल ईयर के छात्रों की मदद ली जा सकती है.
डॉक्टरों के पोस्ट ग्रैजुएशन के लिए होने वाला एंट्रेस एग्जाम NEET-PG कम से कम 4 महीनों के लिए टाला जा रहा है. ऐसा करने से जो छात्र MBBS कर चुके हैं उन्हें कोविड ड्यूटी पर लगाया जा सकेगा. ये परीक्षा 31 अगस्त 2021 से पहले नहीं होगी और छात्रों को कम से कम 1 महीने का समय मिलेगा ताकि वे परीक्षा की तैयारी पूरी कर सकें.
मेडिकल कर्मचारी (Medical Staff) जो 100 दिन की कोविड ड्यूटी पूरी करेंगे उन्हें आगे के सरकारी नियुक्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी.