भारत में एक दिन में सामने आने वाले कोरोना के नए मामले 3 लाख के बेहद करीब पहुंच गए हैं. वहीं मौत का आंकड़ा 2023 रहा है जो अब तक का सर्वाधिक है. ऐसे में वैक्सीनेशन तेजी लाकर लोगों की प्रतिरोधि क्षमता बढ़ाना पर ही सरकार का फोकस है. 1 मई से 18 वर्ष के ऊपर के सभी लोग वैक्सीन लगवा सकेंगे. हालांकि सरकार की ओर से सिर्फ प्राथमिकता वाले वर्ग के लिए वैक्सीन मुफ्त रहेगी – जैसे 45 वर्ष के ऊपर के सभी लोग, स्वास्थ्य कर्मचारी और फ्रंटलाइन वर्कर्स. लेकिन कई राज्यों ने अपने निवासियों के लिए मुफ्त वैक्सीन (Free Vaccine) मुहैया कराने का ऐलान किया है.
तीसरे चरण के वैक्सीनेशन में जो अहम मुद्दे हैं उसमें वैक्सीन की कीमत, राज्यों के पास वैक्सीन की उपलब्धता और लोगों की ओर से वैक्सीनेशन के लिए भागीदारी सबसे जरूरी हैं. ये बात तय है कि निजी अस्पतालों में अब एक डोज के लिए 250 रुपये से ज्यादा खर्च करने पड़ सकते हैं. सरकार ने अब तक प्राथमिकता वर्ग के लिए सरकारी सेंटर्स पर मुफ्त वैक्सीन और निजी अस्पतालों में 250 रुपये की अधिकतम सीमा तय की थी.
क्योंकि अब वैक्सीन उत्पादकों का 50 फीसदी सप्लाई केंद्र को जाएगी और बाकी 50 फीसदी राज्य और अस्पताल सीधे खरीद सकेंगे इसलिए दाम बढ़ने की आशंकाएं हैं.
उत्तर प्रदेश और असम ने वैक्सीन 18 वर्ष के ऊपर के सबी लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने का ऐलान किया है.
असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने घोषणा की है कि राज्य असम आरोग्य निधि के तहत जमा फंड का 18 वर्ष के ऊपर 45 वर्ष से कम के सभी लोगों को वैक्सीन मुफ्त में लगाने की सुविधा देगा. उन्होंने ये भी जानकारी दी है कि राज्य ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के लिए 1 करोड़ डोज का ऑर्डर भी दिया है. 45 वर्ष के ऊपर के लोगों को केंद्र की ओर से मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी. असम में अब तक 14.16 लाख लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है और 3.55 लाख को दूसरी डोज.
वहीं मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ऐलान किया है कि प्रदेश में 1 मई से 18 साल या उससे ऊपर के लोगों को राज्य सरकार मुफ्त में वैक्सीन लगवाएगी. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार शाम हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 29,574 नए मामले आए हैं जिससे एक्टिव मामलों की दर 24.8 फीसदी के पार निकल गई है. राज्य में 162 लोगों की मौत हुई है.
उत्तर प्रदेश में अब तक 1,11,20,780 वैक्सीन डोज लगाई गई है जिसमें से 93.56 लाख को पहली डोज दी गई है.
इसके अलावा महाराष्ट्र ने वैक्सीन की आपूर्ती के लिए विदेशी वैक्सीन को इंपोर्ट करने पर विचार कर रहा है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि स्पुतनिक-V, फाइजर और मॉडर्ना से इसके लिए बात कर सकते हैं.
Vaccine Production: सरकार ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक को भविष्य में आपूर्ति बढ़ाने के लिए 4,500 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करने की भी अनुमति दी है. SII को इसमें से 3,000 करोड़ रुपये और भारत बायोटेक को 1,500 करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे पहले पूनावाला ने इसी महीने कहा था कि कंपनी को कोविड-19 टीके की उत्पादन क्षमता बढ़ाने को करीब 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक SII पहले से तय 150 रुपये प्रति डोज के मूल्य पर सरकार को जुलाई तक 20 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगी. वहीं भारत बायोटेक नौ करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगी.
देश में टीकाकरण अभियान को समर्थन देने के लिए भारत बायोटेक (Bharat Biotech) अगले महीने कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सिन’ की तीन करोड़ खुराक का उत्पादन करेगी. कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
मार्च में कंपनी ने कोवैक्सिन की 1.5 करोड़ खुराक का उत्पादन किया था. वैक्सीन विनिर्माता ने बयान में कहा कि उसने कोवैक्सिन की सालाना उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 70 करोड़ खुराक कर लिया है.
इससे पहले सरकार की ओर से भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मुंबई के हाफकिन इंस्टीट्यूट में उत्पादन करने की मंजूरी मिल गई है. मुंबई के परेल में स्थित इस प्लांट के विस्तार के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अपने बजट में 150 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. इस प्लांट के जरिए सालाना 22.4 करोड़ वैक्सीन डोज का उत्पादन हो सकता है. टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से अब यहां उत्पादन संभव होगा.
देश में अब तक 13 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है. 20 अप्रैल को 29,90,197 को वैक्सीन डोज दी गई है इसमें से 19.86 लाख को पहला डोज तो वहीं 10.03 लाख को दूसरी डोज लगाई गई है.
कुल वैक्सीनेशन में से 11.16 करोड़ को पहली डोज लगाई गई है तो वहीं 1.84 करोड़ को दूसरी डोज दी गई है.