Delhi: कोरोना संकट के दौरान ऑक्सीजन की कमी की वजह से जान गंवाने लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने पर दिल्ली सरकार विचार कर रही है.
दिल्ली सरकार ने मुआवजा मंजूर करने के खातिर उन मरीजों के मामलों के मूल्यांकन के लिए छह सदस्यीय समिति बनायी है जो राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में ऑक्सीजन की कमी के चलते अपनी जान गंवा बैठे. बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गयी है.
इस आदेश के अनुसार समिति यह जांच करेगी कि नियमानुसार अस्पताल में ऑक्सीजन का सही तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा था या नहीं.
इस माह के प्रारंभ में दिल्ली के बत्रा अस्पताल में एक वरिष्ठ डॉक्टर समेत 12 मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत हो गयी थी.
इसी तरह 24 अप्रैल को जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 कोविड मरीजों की जान चली गयी. उस बीच राष्ट्रीय राजधानी में तेजी से कोविड-19 के मामले बढ़े और ऑक्सीजन की भारी कमी पैदा हो गयी थी.
कमिटी में कुल 6 सदस्य हैं – LNJP के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ नरेश कुमार, LNJP के सीनियर एनेस्थियटिस्ट डॉ अमित कोहली, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के एनेस्थिसिया स्पेशलिस्ट डॉ संजीव कुमार, DGHS से सुरेंद्र कुमार, माता चनन देवी अस्पताल से मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ ए सी शुक्ला, और तीरथ राम अस्पताल से डॉ जे पी सिंह.
ये कमिटी हर एक मामले की जांच करने के लिए बनाई गई है. कमिटी सभी पक्ष के बयान और शिकायतें सुनेगी जिसके बाद 5 लाख रुपये के मुआवजे पर फैसला लिया जाएगा. ऑर्डर में कहा गया है कि ये मुआवजा पहले से जारी 50,000 रुपये के मुआवजे के अतिरिक्त दिया जाएगा.
कमिटी इस बात की जांच करेगी कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के हिसाब से अस्पतालों ने ऑक्सीजन की आपूर्ति और उसके पर्याप्त स्टॉक के प्रबंधन को लेकर क्या कदम उठाए थे.