दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने केंद्र से यूनाइटेड किंगडम को ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड की 50 लाख खुराक की आपूर्ति करने की अनुमति मांगी है. कंपनी ने एस्ट्राजेनेका के साथ एक समझौते का हवाला दिया है. कंपनी ने आश्वासन दिया है कि इस आपूर्ति के कारण देश के एंटी-कोरोनावायरस टीकाकरण कार्यक्रम में कोई दिक्कत नहीं आएगी. यह रिपोर्ट तब आई है जब टीके के दूसरे बैच की आपूर्ति में देरी के कारण यूके का एंटी-कोरोनवायरस वायरस इनोक्यूलेशन प्रोग्राम प्रभावित हुआ है.
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के निदेशक और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण से इस मामले में मंजूरी मांगी है. उन्होंने यह आश्वासन दिया कि कोविशील्ड की 50 लाख खुराक की आपूर्ति करने से भारत का कोरोना वायरस टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित नहीं होगा.
कंपनी ने एस्ट्राजेनेका के साथ जून 2020 में हुए अपने एग्रीमेंट का हवाला दिया, जिसमें बताया गया कि वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई के लिए एस्ट्राजेनेका ने टेक्नोलॉजी ट्रांफर करार किया था. “इस समझौते के तहत, यह सहमति हुई कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया किसी भी एस्ट्राजेनेका देश की आपूर्ति करेगा, जहां एस्ट्राजेनेका की दुनिया में कहीं भी प्रतिबद्धताएं हैं. इसमें आगे बताया गया कि समझौते में यह साफ किया गया था कि AZ तकनीक AZDZ22 के बदले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया एस्ट्राजेनेका को प्राथमिकता वाले ग्राहक के रूप में तरजीह देगा.
समझौते के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट को एस्ट्राजेनेका की जरूरत के मुताबिक कोविशिल्ड की लाखों खुराक की आपूर्ति करनी है. सिंह ने कहा “हमें यूके में इस्तेमाल के लिए एस्ट्राज़ेनेका को कम से कम 50 लाख खुराक की आपूर्ति करनी है.” “यह अत्यंत प्राथमिकता है क्योंकि एस्ट्राज़ेनेका ने समझौते के अनुसार कोविशिल्ड को आपूर्ति करने के लिए हमें अपना दायित्व याद दिलाया है. एस्ट्राज़ेनेका और यूके सरकार के प्रतिनिधि ने भी हमें सूचित किया है कि अगर ये न्यूनतम 50 लाख खुराक इस हफ्ते के अंत तक यूके को नहीं भेजी जाती तो उन्हें अपना वैक्सीनेशन प्रोग्राम रोकना पड़ सकता है.