Covishield: स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन के दो डोज के बीच का गैप बढ़ाया, अब 4-8 हफ्तों के बीच मिलेगा दूसरा डोज

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि साइंटिफिक एविडेंस दर्शाता है कि Covishield का दूसरा डोज 6 से 8 हफ्तों के बीच देने पर ज्यादा सुरक्षा मिलती है

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Picture Courtesy: PTI

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कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव को ज्यादा प्रभावदारी बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के पहले और बूस्टर डोज के बीच का अंतराल बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. कोवीशील्ड (Covishield) के दो डोज के बीच अब तक 4 से 6 हफ्तों का गैप रखा जा रहा था जिसे बढ़ाकर 4 से 8 हफ्ते कर दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि नई वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) के दो डोज के बीच के अंतराल पर नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) ने पुनर्विचार किया है और इसे बाद NEGVAC की 20वीं बैठक में भी इसपर चर्चा के बाद कोविशील्ड के डोज के बीच के अंतराल को पहले के 4 से 6 हफ्ते से बढ़ाकर 4 से 8 हफ्ते करने का सुझाव दिया गया है.

WHO ने भी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के दो डोज के बीच का अंतराल लंबा रखने का सुझाव दिया था. कोविशील्ड (Covishield) भी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड की ही डेवलप की गई वैक्सीन है जिसे भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया मैन्युफैक्चर कर रही है.

Covishield: क्यों बढ़ाया गया अंतराल?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि साइंटिफिक एविडेंस ये दर्शाता है कि कोविशील्ड का दूसरा डोज 6 से 8 हफ्तों के बीच देने पर कोरोना से ज्यादा सुरक्षा मिलती है. लेकिन 8 हफ्तों के तय समय से ज्यादा देरी नहीं होनी चाहिए.

मंत्रालय ने साफ किया है कि अंतराल बढ़ाने का फैसला सिर्फ कोविशील्ड (Covishield) पर लागू है, भारत बायोटेक की बनाई वैक्सीन कोवैक्सिन पर नहीं. जिन्हें कोवैक्सिन दी गई है उनके लिए अभी भी 4 से 6 हफ्तों यानि 28 दिनों के ही गैप पर दूसरा डोज दिया जाएगा. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों को लिखी चिट्ठी में बताया है कि मंत्रालय ने NTAGI और NEGVAC का सुझाव मंजूर करते हुए ये कदम उठाया है.

प्रोग्राम मैनेजर्स, वैक्सीन लगाने वालों और जिन्हें कोविशील्ड (Covishield) लगाई जा रही है उन सभी तक ये जानकारी सही-सही पहुंचाने का भी मंत्रालय ने निर्देश दिया है.

दरअसल वैक्सीन का पहला डोज देने के बाद शरीर में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बनते हैं. एंटीबॉडी और इम्यून सिस्टम को कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत करने के लिए दूसरा डोज लगाया जाता है जिसे बूस्टर डोज भी कहा जाता है. बूस्टर डोज लगाने से कोविड-19 रोधी एंटीबॉडी और बढ़ती हैं. दोनों डोज के बीच का अंतराल बढ़ाने से वैक्सीन ज्यादा कारगर होगी.

Published - March 22, 2021, 07:06 IST