दुनिया के सभी देशों को कोरोना (COVID-19) वैक्सीन मिले, इसके लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका ने पेटेंट छूट देने की मांग उठाई है. इस कदम पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम ग्रेबेसियस ने दोनों देशों का आभार जताया है. इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने कोरोना (COVID-19) वैक्सीन के उत्पादन तेज करने की जरूरत पर जोर दिया है.
विश्व स्वास्थ्य महासभा के उद्घाटन भाषण में ग्रेबेसियस ने देशों से कोविड वैक्सीन ग्लोबल एक्सेस यानि ‘कोवैक्स’ पहल से वैक्सीन डोज साझा करने का आह्वान किया और वैक्सीन उत्पादन तेज करने की जरूरत को अधिक फोकस करने को कहा. बता दें कि सभी तक समान रूप से वैक्सीन लोगों तक पहुंचाने की कोविड वैक्सीन ग्लोबल एक्सेस (कोवैक्स) एक अंतरराष्ट्रीय पहल है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा कि विश्व को कोविड वैक्सीन की अधिक जरूरत है और हमें इसके लिए अधिक से अधिक प्रयास करना होगा. वैक्सीन निर्माण के लिए पेटेंट समाप्त कर वैक्सीन लाइसेंस साझा किया जाएग, तो दूसरी दवा कंपनियां वैक्सीन का निर्माण कर सकती हैं.
उन्होंने कहा कि मैं कोरोना उत्पादों के संबंध में बौद्धिक संपदा अधिकार पर छूट के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) में भारत और दक्षिण अफ्रीका के पहल करने के लिए आभार प्रकट करता हूं. साथ ही समर्थन देने वालों का भी धन्यवाद करता हूं.
ग्रेबेसियस ने कहा कि वर्तमान में 75 फीसदी से ज्यादा वैक्सीन 10 देशों में दिए हैं. कुछ देशों ने टीके बनाए और कुछ ने दुनिया के ज्यादातर वैक्सीन खरीद लिए. उन्होंने कहा कि समान रूप से टीकों का वितरण होता, तो दुनिया में स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों का टीकाकरण हो गया होता.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष, डॉ हर्षवर्धन ने भी विश्व स्वास्थ्य सभा को संबोधित किया और कार्यकारी बोर्ड के 147वें और 148वें सत्र और कोविड-19 पर प्रतिक्रिया के लिए 5 और 6 अक्टूबर, 2020 को आयोजित विशेष सत्र के प्रमुख बिंदुओं का संक्षिप्त विवरण सामने रखा. साथ ही डॉ. हर्षवर्धन ने डब्ल्यूएचओ की महामारी प्रतिक्रिया, संगठनात्मक सुधारों और एक स्वस्थ दुनिया की दिशा में प्रयासों का समर्थन करने के लिए कई महत्वपूर्ण चर्चा की और निर्णय लिए.
बता दें कि डब्ल्यूएचओ की 74 वीं बैठक 24 मई से 1 जून 2021 तक चलेगी, जिसमें कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए वर्तमान प्राथमिकताओं और समाधानों पर चर्चा होगी.