देश में अब तक लगाए कोविड-19 के करीब 13 करोड़ टीकों में से 90 प्रतिशत टीके ऑक्सफोर्ड/ एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड के लगाए गए हैं. बुधवार को उपलब्ध सरकारी डेटा में यह जानकारी सामने आई.
इनमें से, 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केवल कोविशील्ड ही लगाया है जिसका उत्पादन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कर रहा है. भारत में दिया जा रहा दूसरा टीका हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक का स्वदेशी टीका कोवैक्सीन है.
सरकार के कोविन पोर्टल पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक कोविड-19 के कुल 12,76,05,870 टीकों में से 11,60,65,107 टीके कोविशील्ड के हैं जबकि 1,15,40,763 टीके कोवैक्सीन के हैं.
इसके अलावा, गोवा, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर समेत करीब 15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने लाभार्थियों को केवल कोविशील्ड टीका लगाया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड बहुत बड़े पैमाने पर बनाया जा रहा है जिसकी वजह से इसकी उपलब्धतता ज्यादा है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) में महामारी विज्ञान और संचारी रोग के प्रमुख डॉ समीरन पांडा ने कहा कि जल्द ही कोवैक्सीन का उत्पादन भी बढ़ाया जाएगा.
भारत बायोटेक ने मंगलवार को कहा था कि क्षमता विस्तार को बेंगलुरु और हैदराबाद के कई केंद्रों में लागू कर दिया गया है ताकि हर साल 70 करोड़ टीकों की खुराक तैयार की जा सके.
बायोटेक्नोलॉजी विभाग भी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए टीका निर्माण केंद्रों को अनुदान मुहैया कराकर वित्तीय सहायता दे रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को कोवैक्सीन ही लगाई गई है.
सीरम इंस्टीट्यूट ने कोरोनो रोधी वैक्सीन कोविशील्ड की कीमतों का ऐलान किया है. दरअसल 1 मई से शुरू होने वाले तीसरे चरण के वैक्सीनेशन से पहले सरकार ने वैक्सीन उत्पादकों से टीके की कीमतों का ऐलान करने के निर्देश दिए थे. वैक्सीन उत्पादकों का 50 फीसदी सप्लाई केंद्र को जाएगा और 50 फीसदी राज्य सरकारें और अस्पताल सीधे उत्पादकों से इसी तय कीमत पर खरीद सकेंगे. उसी निर्देशानुसार SII ने वैक्सीन की कीमतों पर जानकारी दी है.
जानकारी के मुताबिक SII राज्य सरकारों को 400 रुपये प्रति डोज पर कोविशील्ड बेचेगी तो वहीं निजी अस्पतालों को ये 600 रुपये प्रति डोज दिया जाएगा. कंपनी ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा है कि विदेशी वैक्सीनों के 750-1500 रुपये प्रति डोज की कीमतों के मुकाबले SII ने वैक्सीन की कीमतें ज्यादा किफायती रखी हैं.
कंपनी ने कहा है कि 4-5 महीनों बाद ही वैक्सीन रिटेल और खुले बाजार में मिल सकेगी.