कोरोना (COVID-19) को मात देने के लिए शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता के साथ ही मानसिक मजबूती भी जरूरी है क्योंकि कोरोना ने अब तक हर आयु वर्ग के लोगों को अपनी चपेट में लिया है. इनमें बुजुर्ग भी शामिल हैं, लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर भी बुजुर्गों ने अपने हिम्मत और हौसले से कोरोना को हराया है.
झारखंड की राजधानी रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों में कोरोना (COVID-19) संक्रमण से बुजुर्ग लोग भी चपेट में आए हैं, शहर के कई बुजुर्ग ऐसे हैं जिन्हें कोरोना हो गया था और वह 80 वर्ष के ऊपर के हैं. उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कोरोना को हरा दिया.
दरअसल, लालपुर स्थित केसी रॉय मेमोरियल अस्पताल में गत दिनों भर्ती 96 वर्षीय वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ अलका मुखर्जी ने कोरोना को हराया है. उन्होंने बताया कि उनको कमजोरी की शिकायत पर 16 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जांच में पॉजिटिव (COVID-19) आने पर उनका इलाज शुरू किया गया. वह अस्पताल में ही अपना इलाज करा रही थी. इस दौरान वह अस्पताल में रहकर काढ़ा, भाप और गुनगुने पानी का सेवन नियमित रूप से कर रही थी. इस दौरान कुछ व्यायाम भी करती थी.
वहीं जिले के अपर बाजार के राजकुमार मारू के 91 वर्षीय पिता भी कोरोना की चपेट में आ गए थे. वह होम आइसोलेशन में रहकर काढ़ा, गर्म पानी, गिलोय आदि का सेवन करते थे. साथ ही डॉक्टरों की सलाह पर दवा भी लेते थे. 14 दिनों बाद उन्होंने फिर कोरोना की जांच कराई और नेगेटिव हुए. उन्होंने कहा कि इस दौरान वह घर में एक रूम में रहते थे और सुबह में मॉर्निंग वॉक और योग भी करते थे.
शहर की इंदू सिंह भदौरिया ने कहा कि उनका पूरा परिवार कोरोना की चपेट में था लेकिन हिम्मत से इस महामारी को हरा दिया. उन्होंने कहा कि मेरी उम्र 88 वर्ष है और हार्ट की पेशेंट हूं, दमा है. वजन भी काफी कम है लेकिन अब नेगेटिव हो गई हूं. जब इस उम्र में इस भयावह बीमारी को मात दे सकती हूं तो दूसरे लोग हिम्मत और धैर्य के दम पर आसानी से कोरोना की जंग जीत सकते हैं.
उन्होंने कहा कि पॉजिटिव आने के बाद वह होम आइसोलेशन में रह रही थी। डॉक्टरों की सलाह पर दवा खा रही थी. इसके अलावा काढा, गिलोय, गर्म पानी, गरारा आदि भी कर रही थी. सुबह में एक्सरसाइज भी जितना हो सकता था करती थी.