899 से लेकर 2500 रुपए का रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक मार्केट में बिक रहा है 25,000 से लेकर 40,000 रुपए तक में. महाराष्ट्र कोविड-19 टास्क फोर्स के सदस्य डॉ शंशाक आर जोशी के मुताबिक रेमडेसिविर (Remdesivir) के चार शोध ने साफ किया है कि ये जान नहीं बचाती बल्कि कोविड के शुरुआती लक्षण को कम करती है. लोगों में ये भ्रांति बैठ गई है कि ये जान बचाती है. इस दवा के लिए लोगों की दौड़-धूप देखकर जमाखोरों ने अपना बिजनेस मजबूत कर लिया है. रेमडेसिविर उन कोरोना मरीजों के लिए है जिनकी स्थिति ना ज्यादा गंभीर है ना ही वे कम – यानी मॉडरेट. ऐसे कोविड (Coronavirus) मरीजों के शुरुआत के 5 से 9 दिन पर रेमडेसिविर देने में रिकवरी में मदद मिली है लेकिन जान बचाने में इसकी कोई भूमिका नहीं है.
डॉ जोशी कहते हैं कि इसके लिए जरूरी है कि आप सारे लक्षणों की कड़ी मॉनिटरिंग करें. अपने डॉक्टर से लगातार संपर्क में रहें. ऑक्सीजन स्तर पर नजर रखें. कमरें में 6 मिनट टहलने के अंतराल पर ऑक्सीजन स्तर 4 पॉइंट नीचे आता तो डॉक्टर को जरूर संपर्क करें. और जब किसी को महसूस हो कि उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है तो अस्पताल का रुख करें.
कोरोना (Coronavirus) को मात देना है तो सबसे ज्यादा जरूरी है कि वैक्सीन ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे. वैक्सीन लेने का मतलब ये नहीं है कि आपको कोरोना नहीं होगा लेकिन कोरोना की गंभीरता कम हो पाएगी. कोविड लहर के बीच भी वैक्सीन लेने में न कतराए. डॉ जोशी के मुताबिक वैक्सीन लेना टालें नहीं बल्कि जब वैक्सीन लेने के लिए निकलें तो कोविड के मद्देनजर सही तौर तरीके अपनाएं . दूरी बनाए रखें, डबल मास्क पहनें, अपना सैनेटाइजर ले जाएं और भीड़ से बचें. वैक्सीन A , B या C कोई भी वैक्सीन लें इस बात में न उलझें कौन सा बेहतर है. घर के नजदीकी सेंटर में सावधानी बरतते हुए जाएं और टीका लगवाएं .
कोरना से जंग अभी लंबी चलेगी.डॉ जोशी का कहना है कि बीमार पड़ने वालों के सामने रिकवर होने वालों की तादाद भी अच्छी है लेकिन हो सकता है कि अभी दिल्ली और मुंबई में ज्यादा मामले हो रहे हों तो कल किसी और राज्य में कोरना के ज्यादा मरीज रिपोर्ट हों. सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है . डॉ जोशी के मुताबिक इस लहर को जून तक कम होता देख सकते हैं लेकिन लोगों को अब डबल मास्क की आदत डाल लेनी चाहिए क्योंकि ये वायरस अभी गायब नहीं होनेवाला.
प्रशासन को “चेज़ द वायरस” की जगह ‘ट्रेस द पेशेंट’ की रणनीति अपनानी चाहिए. यानि जोर अब इस पर रहे कि ज्यादा टेस्ट हों और कोरोना संक्रमित लोगों को जल्द से जल्द सही इलाज मिलें.
डॉ शंशाक जोशी से पूरी बातचीत इस वीडियो में –