केंद्र ने तैयार किया रोडमैप, जानिए जून में जून में किस राज्‍य को कितनी मिलेगी कोरोना वैक्‍सीन

कोरोना (Corona) की दूसरी लहर में सरकार अपना पूरा ध्यान टीकाकरण पर दे रही है. इतनी बढ़ी जनसंख्या का टीकाकरण करना कोई आसान काम नहीं है. हालांकि, टीके की उपलब्धता पर कुछ राज्यों ने आपत्तियां जताई हैं. राज्यों की ओर से उठाए गए इस मुद्दे को देखते हुए, अब केंद्र सरकार ने जून में राज्यों […]

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कोरोना (Corona) की दूसरी लहर में सरकार अपना पूरा ध्यान टीकाकरण पर दे रही है. इतनी बढ़ी जनसंख्या का टीकाकरण करना कोई आसान काम नहीं है. हालांकि, टीके की उपलब्धता पर कुछ राज्यों ने आपत्तियां जताई हैं. राज्यों की ओर से उठाए गए इस मुद्दे को देखते हुए, अब केंद्र सरकार ने जून में राज्यों को कोरोना (Corona) वैक्सीन उपलब्ध कराने का पूरा रोड मैप तैयार कर लिया है.

केंद्र ने ये कदम इसलिए उठाया है, जिससे राज्यों को पहले से इस बात की जानकारी रहे कि उन्हें इस महीने टीके का कितना कोटा मिलने वाला है. कोविन पोर्टल पर मौजूद अभी तक की जानकारी के मुताबिक 27 मई तक केंद्र की ओर से राज्यों को 22 करोड़ कोरोना (Corona) की डोज उपलब्‍ध कराई गईं, जिसमें से 20.1 करोड़ कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा चुका है.

किस राज्य को मिलेगी कितनी वैक्सीन

अभी तक स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोविन पोर्टल पर प्रमुख राज्यों का ही डेटा दिखा रहा है. शुरुआती डेटा के मुताबिक केंद्र सरकार ने राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों को जून महीने के लिए 4 करोड़ खुराक आवंटित की हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश को कितनी वैक्सीन की डोज दी जाएगी, इसकी जानकारी कोविन पोर्टल पर अपडेट नहीं हुई है. सभी को मालूम है कि 45 साल से ऊपर की आयु वर्ग वालों के लिए टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार उठा रही है, जबकि 18 से 44 साल की आयु वर्ग वालों के लिए राज्यों को खुद ही टीके खरीदने हैं. जून माह में निजी अस्पताल वैक्सीन उत्पादकों से सीधे कितनी खुराक खरीद सकते हैं, इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है.

प्रतिदिन 20 लाख लोगों को लग रहे हैं टीके

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक हर दिन औसतन 20 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा रही है. अभी तक सबसे ज्यादा कोरोना वैक्सीन की खुराक 3 से 9 अप्रैल के बीच दी गई थी, जब सिर्फ 6 दिनों में 2.4 करोड़ टीके लगाए गए थे. हालांकि, 22 से 28 मई के बीच यह आंकड़ा घटकर 1.16 करोड़ पर आ गया है. केंद्र सरकारी की ओर से 18 साल के ऊपर के सभी व्यक्ति को इस साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन लगाने की बात कही गई है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने गुरुवार को कहा है कि सरकार के पास वैक्सीनेशन का पूरा प्लान है, इस साल दिसंबर तक सरकार देश के सभी नागरिकों को टीका लगवा चुकी होगी.

भारत में अब तक दी गई 20.86 करोड़ वैक्सीन की खुराक

भारत में अब तक कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की 20.86 करोड़ खुराक दी जा चुकी है. यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को दी. मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार को 18 से 44 आयु वर्ग के 13,36,309 लाभार्थियों को टीके की पहली खुराक, जबकि इसी आयु वर्ग के 275 लोगों को दूसरी खुराक दी गई. मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक टीकाकरण के तीसरे चरण में 18 से 44 साल आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू होने के बाद से अब तक इस आयु वर्ग के कुल 1,66,47,122 लोगों का टीकाकरण हुआ है.

महामारी में किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया

प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे देश पर इतना बड़ा संकट आया, इसका असर देश की हर एक व्यवस्था पर पड़ा है. लेकिन, कृषि-व्यवस्था ने खुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा.” आगे उन्होंने कहा कि सुरक्षित ही नहीं रखा, बल्कि प्रगति भी की है. इस महामारी में भी हमारे किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया है. किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया, तो इसबार देश ने रिकॉर्ड फसल की भी खरीदी की है. इसबार कई जगहों पर तो सरसों के लिए किसानों को एमएसपी से भी ज्यादा भाव मिला है.”

भारत ने महामारी के बीच प्राकृतिक आपदाओं का भी डटकर मुकाबला किया

प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच आई प्राकृतिक आपदाओं चक्रवात ताउते, याश और अनेक राज्यों में आई बाढ़ के दौरान जनता के अनुशासन की सराहना की. उन्होंने कहा कि इन दोनों चक्रवातों ने कई राज्यों को प्रभावित किया है. देश और देश की जनता इनसे पूरी ताकत से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की. हम पहले के वर्षों की तुलना में ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचा पा रहे है. उन्होंने कहा कि केंद्र, राज्य और स्थानीय प्रशासन इससे निपटने में सामूहिक रूप से जुटे हैं. प्रधानमंत्री ने अपनों को खोने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की.

पीएम ने कहा कि देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवा-भाव ने देश को हर तूफान से बाहर निकाला है. हाल के दिनों में हमने देखा है कि कैसे हमारे डॉक्टर्स, नर्सेस और अग्रिम पंक्ति के योद्धा खुद की चिंता छोड़कर दिन रात काम कर रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग अचानक बढ़ने पर भारतीय रेलवे और वायु सेना के प्रयासों की सराहना की.

‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन – एम्पावरमेंट ऑफ कोविड अफेक्टेड चिल्ड्रन’ का हुआ शुभारंभ

देश वर्तमान में कोविड संकट से जूझ रहा है। इस विपदा के कारण कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया छिन गया. इस स्थिति की वजह से उन बच्चों के भविष्य पर प्रश्न खड़ा हो गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बारे में चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने कोविड महामारी से प्रभावित बच्चों के लिए कई सुविधाओं की घोषणा की. इन उपायों की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चे देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और देश बच्चों की सहायता एवं सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगा, ताकि वे मजबूत नागरिक के रूप में उभरें और उनका भविष्य उज्ज्वल हो.

1 अप्रैल 2021 से 25 मई 2021 तक कोविड के कारण 577 बच्चों के माता-पिता की हो चुकी है मृत्यु

कोविड-19 के कारण माता-पिता दोनों या माता-पिता में से जीवित बचे या कानूनी अभिभावक/दत्तक माता-पिता को खोने वाले सभी बच्चों की सहायता की जाएगी. यह मदद ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत प्रदान की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि ये कदम सिर्फ पीएम केयर्स फंड में सभी के द्वारा किए गए योगदान के कारण संभव हुए हैं. इस सहायता में बच्चे के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट, केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश, उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण के ब्याज का पीएम केयर्स द्वारा भुगतान शामिल है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, स्मृति ईरानी ने 25 मई को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि 1 अप्रैल 2021 से 25 मई 2021 तक कोविड के कारण 577 बच्चों के माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है.

बच्चे के नाम पर 10 लाख रुपये का होगा फिक्स्ड डिपॉजिट

पीएम केयर्स 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये का कोष बनाने के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई एक योजना के माध्यम से योगदान देगा. इस कोष से 18 वर्ष की आयु से अगले पांच वर्षों तक (उच्च शिक्षा के दौरान) उनकी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए मासिक वित्तीय सहायता / छात्रवृति देने के लिए उपयोग किया जाएगा। 23 वर्ष की आयु पूरी होने पर व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग के लिए छात्र को एकमुश्त राशि दी जाएगी.

18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की स्कूली शिक्षा होगी मुफ्त

10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिलाया जाएगा. अगर बच्चे का दाखिला किसी निजी स्कूल में होता है तो पीएम केयर्स से आरटीई के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी. इतना ही नहीं पीएम केयर्स वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर होने वाले खर्च का भी भुगतान करेगा. 11 -18 वर्ष की आयु के बच्चों को केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे कि सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में प्रवेश दिलाया जाएगा. यदि बच्चे को अभिभावक / दादा-दादी / विस्तारित परिवार की देखरेख में रखा जाना है, तो उसे निकटतम केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिलाया जाएगा.

उच्च शिक्षा के लिए ऋण दिलाने में की जाएगी सहायता

व्यावसायिक पाठ्यक्रमों / उच्च शिक्षा के लिए मौजूदा शिक्षा ऋण के मानदंडों के अनुसार शिक्षा ऋण दिलाने में बच्चे की सहायता की जाएगी. इस ऋण पर लगने वाले ब्याज का भुगतान भी पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा. इसके विकल्प के रूप में ऐसे बच्चों को केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत स्नातक / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के शिक्षण शुल्क / पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. जो बच्चे मौजूदा छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत पात्र नहीं हैं, उनके लिए पीएम केयर्स एक समकक्ष छात्रवृत्ति प्रदान करेगा.

बच्चों का करवाया जाएगा स्वास्थ्य बीमा

इन बच्चों की पढाई के साथ-साथ स्वास्थ्य को लेकर भी सरकार सजग है. सरकार के तरफ से इस बात की घोषणा की गई है कि ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा, जिसमें 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर होगा. 18 वर्ष की आयु तक के इन बच्चों के लिए प्रीमियम की राशि का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा.

Published - May 30, 2021, 04:54 IST