कोरोना मरीजों के लिए आयुष-64 (AYUSH-64) दवा उम्मीद की किरण बताई जा रही है. आयुष मंत्रालय के अंतरगत अुनसंधान संस्था सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइसेंस (CCRAS) ने काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के साथ दवा का क्लिनिकल ट्रायल किया है. ट्रायल में इस एंटी-वायरल और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाली दवा को ऐसे कोरोना संक्रमितों में कारगर पाया गया है जिनमें संक्रमण के हल्के या मध्यम लक्षण हैं.
आयुष मंत्रालय की ओर जारी जानकारी के मुताबिक कोरोना मरीज किसी भी स्टेज में इसका सेवन कर सकते हैं. ऐसे मरीज जिन्हें इमरजेंसी के तौर पर अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं है, वे इस दवा का सेवन कर सकते हैं. ऐसे मरीज जिनमें हल्के से मध्यम लक्षण हैं वो बुखार, शरीर दर्द और नाक बंद, सिर दर्द, कफ जैसे लक्षणों के लिए ये दवा ले सकते हैं. RT-PCR टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के 7 दिन के अंदर इस दवा की शुरुआत करनी है.
अगर मरीज को कोई लक्षण नहीं है तो वे खाना खाने के एक घंटे बाद दिन में दो बार 500 मिलिग्राम के 2 टैबलेट ले सकते हैं. ये दवा हल्के गर्म पानी के साथ 14 दिन तक लेनी है. वहीं अगर हल्के लक्षण हैं तो मरीज तो आयुष-64 (AYUSH-64) दवा के 500 मिलिग्राम के 2 टैबलेट दिन में 3 बार लेने है – खाना खाने के एक घंटा बाद, गर्म पानी के साथ. ऐसे मरीजों को भी 14 दिन तक इस दवा का सेवन करना है.
आयुष-64 (AYUSH-64) लेने के बाद कुछ लोगों को दस्त की शिकायत हो सकती है जो अपने आम ही ठीक होगी. वहीं गर्भवति महिलाओं या स्तनपान करा रही महिलाओं के लिए दवा सुरक्षित है या नहीं इसपर अभी कोई वैज्ञानिक अध्य्यन नहीं किया गया है. तो ऐसी महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
मंत्रालय की ओर से दी जानकारी में कहा गया हल्के लक्षण वाले मरीज जिन्हें हाइपरटेंशन या डायबिटीज है वे भी आयुष-64 ले सकते हैं लेकिन उन्हें सलाह दी गई है कि वे अपनी उस बीमारी से जुड़ी दवा को भी जारी रखें, उसे बंद ना करें.
वहीं अगर किसी को वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना हो जाता है तो वे भी टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के 7 दिन के अंदर आयुष-64 (AYUSH-64) दवा लेना शुरू कर सकते हैं. इसे लिए आयुष डॉक्टर की सलाह जरूर लें. मंत्रालय ने ये भी साफ किया है कि इसकी सफलता के लिए अभी साइंटिफिक स्टडी नहीं हुई है.
(स्रोत – आयुष मंत्रालय की विज्ञप्ति)