AstraZeneca वैक्सीन पर WHO आज करेगा रिव्यू, कहा - कोवैक्स के तहत वैक्सीन वितरण रहेगा जारी

COVAX से WHO भारत और द. कोरिया में बनी वैक्सीन कम आय वाले देशों को मुहैया करा रहा है. AstraZeneca का सस्पेंशन यूरोप में बने दो बैच को लेकर है

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Picture: WHO

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डेनमार्क, नॉर्वे, आइसलैंड के बाद अब फ्रांस, स्पेन, इटली और जर्मनी ने ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत के बाद एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) वैक्सीन पर रोक लगा दी है. हालांकि युनाइटेड नेशंस की हेल्थ एजेंसी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कहा है कि उनकी दुनियाभर में वैक्सीन वितरण की पहल कोवैक्स पर इसका कोई असर नहीं होगा. वहीं यूरोपीय संघ की मेडिकल एजेंसी ने भी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को सुरक्षित बताया है. कई देशों के एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन सस्पेंड करने के बाद WHO ने कहा है कि उनकी वैक्सीन की सुरक्षा पर बनी एडवाइजरी कमिटी मौजूदा डाटा की समीक्षा कर रही है और यूरोपियन यूनियन मेडिसिन्स एसोसिएशन के साथ आज बैठक करेगी.

AstraZeneca पर WHO की सफाई

WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधानोम का कहना है कि यूरोप में बने वैक्सीन के दो बैच को लेकर ब्लड क्लॉटिंग की शिकायतों के बाद एहतियात के तौर पर एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) वैक्सीन को सस्पेंड किया गया था. हालांकि ये जरूरी है कि इन मामलों का वैक्सीनेशन से सीधा संबंध हो. लेकिन इसकी जांच करना प्रक्रिया का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि इससे ये भी पता चलता है कि सर्विलेंस सिस्टम काम कर रहा है और इसपर कंट्रोल भी है.

क्यों नहीं रुकेगा इस्तेमाल?

एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) वैक्सीन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के कोवैक्स प्रोग्राम (COVAX) का हिस्सा है. कोवैक्स के जरिए WHO कम आय वाले देशों को कोरोना वैक्सीन मुहैया करा रहा है. ये वैक्सीन भारत और दक्षिण कोरिया में बनाई जा रही हैं. वहीं वैक्सीन का सस्पेंशन यूरोप में बनी दो बैच को लेकर है. WHO असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल ने संबोधन में कहा, “हम समझते हैं कि ये ऐहतियात के तौर पर कदम उठाया गया है. हम गैर-यूरोपीय देशों को बताना चाहेंगे कि जो  दिक्कत है वो यूरोप में मैन्युफैक्चर हुई वैक्सीन पर बताया जा रहा है ना कि उनपर जो कोवैक्स सुविधा में बनी हैं.” यूरोपीय देशों के अलावा एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर थाईलैंड और कॉन्गों ने भी रोक लगाई है.

टेड्रोस अधानोम ने न्यूज कॉन्फ्रेंस में कहा है कि इस वैक्सीन ने अब तक कोवैक्स में बड़ी भूमिका निभाई है. उनका कहना है कि मौजूदा स्थिति की सबसे बड़ी चुनौती ये है कि कई देशों के पास अब तक वैक्सीन ही नहीं है.

क्या है कोवैक्स (COVAX) प्रोग्राम?

फरवरी के आखिरी हफ्तों में इस प्रोग्राम की शुरुआत हुई और मई के अंत तक 20 करोड़ वैक्सीन डोज पहुंचाने का लक्ष्य है. इनमें से अधिक्तर सभी वैक्सीन ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (Oxford – AstraZeneca) की वैक्सीन का ही वर्जन हैं. कुल 92 देशों को कोवैक्स के जरिए मुफ्त में वैक्सीन सप्लाई की जाएगी.

वहीं WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि जिन लोगों में ब्लड क्लॉटिंग के मामले देखने को मिले हैं वो कुल जितने लोगों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन दी गई हैं उसका कम हिस्सा है.

उन्होंने वैक्सीन को लेकर बड़ी उम्मीद वाली बात भी कही है. उन्होंने कहा है कि साल के अंत तक 6-8 वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो जाएगा जिनमें से कई ऐसी भी होंगी जिनके लिए सुई या कोल्ड स्टोरेज की जरूरत ना पड़े.

Published - March 16, 2021, 02:25 IST