Wipro Subsidiary Companies Merger: देश की प्रमुख आईटी कंपनी विप्रो ने पांच सब्सिडियरी कंपनी को पैरेंट कंपनी विप्रो लिमिटेड में मर्जर का फैसला किया है. बोर्ड मीटिंग में मर्जर के साथ सितंबर तिमाही की कमाई को भी मंजूरी दी गई. बोर्ड मीटिंग में कहा गया कि विप्रो ओवरसीज आईटी सर्विसेज, विप्रो टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट सर्विसेज, विप्रो एचआरसर्विसेज, विप्रो ट्रेडमार्क होल्डिंग और विप्रो वीएलएसआई डिजाइन सर्विसेज का मर्जर पैरेंट कंपनी में किया जाएगा. हालांकि मर्जर के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) समेत वैधानिक और नियामक अप्रूवल अनिवार्य होता है.
ईटी की खबर के अनुसार, विप्रो के मर्जर की चार वजहें बताई गई हैं. इसमें संचालन के तालमेल को सक्षम करना, प्रशासनिक, व्यवसाय संचालन को मजबूत करना, मैनेजमेंट और अन्य खर्च में कमी आदि शामिल हैं. मर्जर में सभी सहायक कंपनियां पूर्ण स्वामित्व वाली हैं जिसके चलते मर्जर में नए शेयर जारी नहीं होंगे और न ही शेयरों के पैटर्न में भी कोई बदलाव नहीं होगा.
इक कंपनियों के मार्केट पर नजर डालें तो मार्च 2023 के अंत तक विप्रो ओवरसीज आईटी सर्विसेज का रेवेन्यू शून्य था, जबकि विप्रो टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट सर्विसेज ने 85.3 करोड़ रुपये, विप्रो वीएलएसआई डिजाइन ने 218 करोड़ रुपये, विप्रो एचआर सर्विसेज ने 67,753 करोड़ रुपये और विप्रो ट्रेडमार्क ने 29 लाख रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया है. विप्रो ने 0.70 फीसद के साथ 2,667.3 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट भी दर्ज किया है.
आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनियों में शुमार विप्रो ने सितंबर क्वार्टर का रिजल्ट भी पेश कर दिया है. सितंबर क्वार्टर रिजल्ट के बाद अमेरिका की टॉप ब्रोकरेज फर्म बोफ़ा ने विप्रो के स्टॉक पर अंडरपरफॉर्म की रेटिंग प्रदान किया है उन्होंने टार्गेट प्राइस के तौर पर 350 रुपए निर्धारित किया है. दरअसल ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि क्वार्टर 3 की गाइडेंस कमजोर रहने की संभावना है.