देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रिलायंस रिटेल और रिलायंस जियो इंफोकॉम में नई हायरिंग यानी नए लोगों की भर्ती करने पर रोक लगा दी है. कंपनी ने लागत घटाने के लिए या खर्चे कम करने की मंशा से ये कदम उठाया है. इसके अलावा कंपनी वेतन ढांचे यानी सैलरी स्ट्रक्चर की भी समीक्षा कर रही है. और कमजोर प्रदर्शन वाले कर्मचारियों को नौकरी से हटा रही है.
क्या है वजह?
दरअसल, रिलायंस ग्रुप ने पिछले साल जरूरत से ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की थी. कंपनी का मकसद 5जी सेवा विस्तार को तेजी से आगे बढ़ाना था लेकिन अब अधिग्रहण के बाद रिलायंस कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. अब कंपनी के पास कर्मचारी ज्यादा है और काम ऐसे में डुप्लीकेशन से बचने के लिए ऐसा किया जा रहा है. साथ ही बाजार में इस समय गिरावट का महौल है, इसके चलते भी छंटनी का फैसला लिया गया है. बता दें कि रिलायंस रिटेल के पास हैं 418,000 और रिलायंस जियो के पास 80,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं.
खराब परफॉर्मेंस वालों पर गिरेगी गाज
एक मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि छंटनी की इस आंधी में खराब प्रदर्शन करने वालों पर पहले गाज गिरेगी. कंपनी ने कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए शीर्ष प्रबंधन को स्केल डाउन करने के लिए कहा है. इसका असर रिलायंस रिटेल और रिलायंस जियो इंफोकॉम दोनों इकाइयों के कर्मचारियों पर पड़ेगा. दरअसल, पिछले साल कंपनी ने सामान्य से अधिक बाजार मूल्य पर कर्मचारियों की भर्ती की थी, अब वे उनकी छंटनी करेंगे. कंपनी अब सिफ जरूरत के आधार पर कर्मचारियों को काम पर रखेगी.
ऐसे हुआ रिलायंस के कारोबार में इजाफा
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने पिछले साल मेट्रो एजी के भारतीय कारोबार समेत 31 थोक स्टोर्स का कुल 2,850 करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया था. इससे पहले आरआईएल ने कई बिग बाजार आउटलेट्स को लीज पर लिया था. अधिग्रहण से रिलायंस को खुदरा बजार में विस्तार में मदद की. रिलायंस के पास 31 मार्च, 2023 तक 18,040 स्टोर थे, जिसमें Jio मोबिलिटी और कम्युनिकेशन स्टोर शामिल हैं.