जानिए Q1 में कॉर्पोरेट जगत के नतीजे क्या कहते हैं? महंगाई का बैलेंसशीट पर कितना असर?

वित्तवर्ष 2023 की पहली तिमाही में निफ्टी और कॉर्पोरेट जगत के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे. महंगाई का असर कंपनियों की बैलेंसशीट पर भी दिखने लगा है.

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वित्तवर्ष 2023 की पहली तिमाही में निफ्टी और कॉर्पोरेट जगत के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे. महंगाई का असर कंपनियों की बैलेंसशीट पर भी दिखने लगा है. ऊंची लागत के चलते कॉर्पोरेट जगत के कामकाजी मुनाफे और मुनाफे की ग्रोथ सिंतबर 2020 के बाद सबसे कम रही है. हालांकि बढ़ी हुई लागत ग्राहकों तक पहुंचने से कंपनियों की आय ग्रोथ मजबूत रही है.

निफ्टी के दिग्गज RIL, टाटा मोटर्स, BPCL, SBI, HDFC लिमिटेड के नतीजे अनुमान से खराब रहे. बाजार की 47% कंपनियों के नतीजे अनुमान से बेहतर तो 32% के अनुमान से खराब रहे. वहीं 21% कंपनियों के नतीजे अनुमान के मुताबिक रहे हैं. पिछले वित्तवर्ष की चौथी तिमाही की तरह ही Q1 में भी क्रेडिट कॉस्ट में कमी से BFSI के नतीजों में सुधार का मुनाफे की ग्रोथ में सबसे ज्यादा योगदान रहा. बैंकिंग, फाइनेंशियल सेक्टर का कंपनियों की मुनाफे की ग्रोथ में 99% योगदान रहा… बैंकिंग, फाइनेंशियल सेक्टर की कंपनियों का कॉर्पोरेट जगत के कुल मुनाफे में करीब एक-तिहाई (32.5% vs 24.5% YoY) योगदान रहा.

वहीं तेल-गैस क्षेत्र के मुनाफे फिसलते दिखे. तेल-गैस कंपनियों के मुनाफे पर दबाव से कॉर्पोरेट जगत के तिमाही नतीजों पर सबसे ज्यादा खराब असर रहा. पेट्रोल-डीजल पर अंडर रिकवरी के चलते OMCs के घाटे के कारण तेल-गैस कंपनियों के मुनाफे पर दबाव रहा. इसका असर यह हुआ कि कॉर्पोरेट जगत के कामकाजी मुनाफे और मुनाफे की ग्रोथ सिंतबर 2020 के बाद सबसे कम रही.

ऊंची कमोडिटी और एनर्जी कॉस्ट से लगभग सभी सेक्टर की कंपनियों के मार्जिन पर दबाव रहा. कॉर्पोरेट जगत की कंपनियों का कामकाजी मार्जिन 4.9% घटकर 14.2% रहा जबकि अनुमान 14.4% रहने का था. बाजार के 20 में से 14 सेक्टर की कंपनियों के नतीजे अनुमान के मुताबिक या बेहतर रहे. कंज्यूमर, मेटल, सीमेंट सेक्टर के नतीजे अनुमान से बेहतर तो तेल-गैस के नतीजे निराशाजनक रहे. मेटल, हेल्थकेयर, सीमेंट कंपनियों का मुनाफा घटा (YoY). IT कंपनियों का मुनाफा सपाट रहा.

ऊंची कमोडिटी और एनर्जी कॉस्ट से लगभग सभी सेक्टर की कंपनियों के मार्जिन पर दबाव रहा. 14 प्रमुख सेक्टर्स में से 11 सेक्टर्स की कंपनियों के कामकाजी मार्जिन टूटे. सीमेंट, तेल-गैस, मेटल, ऑटो, स्पेशियल्टी केमिकल, IT कंपनियों के कामकाजी मार्जिन में 2.5% से ज्यादा की कमी हुई. पहली तिमाही में निफ्टी की 50 कंपनियों का मुनाफा 23% बढ़ा (YoY). 50 में से 11 कंपनियों ने घाटा दर्ज किया. 11 घाटे वाली कंपनियों को छोड़ निफ्टी कंपनियों का मुनाफा 31% बढ़ा(YoY) जबकि अनुमान 34% बढ़ने का था. टाटा मोटर्स, BPCL ने घाटा दर्ज किया. निफ्टी की 42% कंपनियों के नतीजे अनुमान से बेहतर तो 34% के अनुमान से खराब रहे. वहीं 24% कंपनियों के नतीजे अनुमान के मुताबिक रहे.

नतीजों की रौशनी में ब्रोकरेज हाउसेज ने कंपनियों पर अपना नजरिया बदलना शुरू किया है. पहली तिमाही के नतीजों के बाद कंपनियों के अपग्रेड और डाउनग्रेड की संख्या लगभग बराबर रही. नतीजों के बाद 78 कंपनियों के मुनाफे की ग्रोथ के अनुमान में 3% से ज्यादा की बढ़ोतरी की गई. वहीं 79 कंपनियों के मुनाफे की ग्रोथ के अनुमान में 3% से ज्यादा की कमी की गई.

निफ्टी की 11 कंपनियों के FY23 मुनाफे की ग्रोथ के अनुमान में 5% से ज्यादा की बढ़ोतरी की गई. निफ्टी की 9 कंपनियों के FY23 मुनाफे की ग्रोथ के अनुमान में 5% से ज्यादा की कमी की गई. RIL, ONGC, BPCL और टाटा मोटर्स में सबसे बड़े डाउनग्रेड देखने को मिले. त्योहारी मांग और खपत बढ़ने के साथ-साथ कमोडिटी कीमतों में गिरावट के चलते. एनालिस्ट्स का अनुमान है कि वित्तवर्ष 2023 की दूसरी तिमाही से कॉर्पोरेट इंडिया के तिमाही नतीजों में सुधार हो सकता है यानी कि एक और तिमाही में नतीजों पर दबाव जारी रहने की आशंका है.

Published - August 26, 2022, 01:58 IST