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इनमें डालमिया भारत रिफेक्टरीज के अलावा पवन रुइया की एफिलिएट कंपनी शामिल है.
Shree Cement की किस कंपनी के अधिग्रहण पर नजर? क्यों कर रही है सरकार तेल-मार्केटिंग कंपनियों में हिस्सा खरीद की तैयारी? Birla Group की कौनसी कंपनी हुई दिवालिया? देखें वीडियो-
चौथी तिमाही में Adani Green की कुल आय 88 फीसद बढ़ी है. कंपनी की कुल आय साल दर साल 1,587 करोड़ रुपए से बढ़कर 2,988 करोड़ रुपए पर रही है. वित्त वर्ष 2022-23 में भी कंपनी का मुनाफा 489 करोड़ रुपए से लगभग दो गुना बढ़कर 973 करोड़ रुपए पर रहा है.
वेलस्पन के शेयर में यह पिछले एक साल में एक दिन की सबसे बड़ी तेजी है. दरअसल वीकेंड के दौरान कंपनी ने चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए थे और नतीजों के साथ कंपनी ने बायबैक की भी घोषणा की जो बाजार को काफी पसंद आई है.
वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में शीर्ष 500 कंपनियों के प्रमोटर्स ने अपने गिरवी शेयरों में रिकॉर्ड कमी दर्ज की है
Byju's पर आरोप है कि उसने विदेशी कंपनियों से लिए निवेश में फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट यानी FEMA नियमों का उल्लंघन किया है.
अप्रैल में विदेशी निवेशकों की वापसी से भारतीय शेयर बाजार में तेजी का माहौल बनता हुआ दिखाई दिया. लेकिन ऐसा नहीं है कि विदेशी निवेशक हर सेक्टर में बराबर निवेश कर रहे हैं. अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो शुरुआती 15 दिन में FIIs के कुल निवेश का 50 फीसद निवेश अकेले फाइनेंशियल सेक्टर में देखने को मिला है.
वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में कोटक बैंक, आईडीएफसी बैंक, आरबीएल बैंक, सेंट्रल बैंक और आईडीबीआई ने किया शानदार प्रदर्शन.
घोटाले से पहले स्टॉक ब्रोकिंग क्षेत्र में कार्वी बड़ी कंपनी थी. ब्रोकिंग कंपनी ने अपने ग्राहकों के बिना बताए फाइनेंस कंपनियों को शेयर गिरवी रखकर कर्ज उठा लिया. कंपनी ने सितंबर 2016 में 789.41 करोड़ रुपए का कर्ज लिया. कर्ज की यह रकम लगातार बढ़ती चली गई.
Rel Cap को खरीदने के लिए कितनी बोलियां आईं? अधिग्रहण के बाद क्यों टूटा IPCA Labs का शेयर? गुजरात सरकार ने पॉलिसी में क्या बदलाव किया? देखिए वीडियो-