फूड और ग्रॉसरी डिलिवरी एप स्विगी ने अपना रजिस्ट्रर्ड नाम बदल दिया है. स्विगी ने पंजीकृत नाम बंडल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड से बदलकर स्विगी प्राइवेट लिमिटेड कर लिया है. कंपनी के शेयरधारकों की ओर से पारित एक विशेष प्रस्ताव के जरिए अपना नाम बदला है. स्विगी ने आगामी आईपीओ से पहले ‘कोर ब्रांड’ को दिखाने के लिए कंपनी का पंजीकृत नाम बदला है.
आएगा कंपनी का IPO
कंपनी ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के साथ की गई नियामक फाइलिंग के में कहा है कि नाम में बदलाव से कंपनी के कोर ब्रांड, ‘स्विगी’ के साथ कंपनी के कॉर्पोरेट नाम की पहचान स्थापित करने में मदद मिलेगी. बेंगलुरु स्थित कंपनी को इस महीने की शुरुआत में नाम परिवर्तन के लिए RoC से मंजूरी मिली थी. यह ऐसे समय में आया है जब स्विगी 1 अरब डॉलर के आईपीओ की तैयारी कर रही है.
लागत कम करेगी कंपनी
कंपनी चालू वित्त वर्ष के अंत तक अपने ड्राफ्ट आईपीओ दस्तावेज दाखिल करने की तैयारी कर रही है. इसका लक्ष्य अपने आईपीओ के करीब आने पर लागत कम करना और प्रॉफिट हासिल करना है. मार्च 2023 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष के लिए स्विगी का ओपरेटिंग रेवेन्यू साल दर साल 45 फीसद बढ़कर 8,265 करोड़ रुपए हो गया. हालाँकि, इसी अवधि में इसका शुद्ध घाटा 15 फीसद बढ़कर 4,179 करोड़ रुपए हो गया.
कंपनी का व्यवसाय
स्विगी का का मुख्य व्यवसाय है फूड डिलीवरी है. इसके अलावा यह स्विगी इंस्टामार्ट ब्रांड के तहत क्विक-कॉमर्स स्पेस में भी काम करती है. साथ ही डाइन आउट ब्रांड के तहत डाइनिंग आउट सेगमेंट और जिनी ब्रांड के तहत पार्सल डिलीवरी सेवाएं देती है.
2014 में लॉन्च हुई बंडल टेक्नोलॉजीज
कंपनी, बंडल टेक्नोलॉजीज, 2014 में नंदन रेड्डी और श्रीहर्ष मजेटी द्वारा लॉन्च की गई थी. मजेटी वर्तमान में फर्म के सीईओ हैं. स्विगी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी जोमैटो ने वित्त वर्ष 2013 के लिए 7,079 करोड़ रुपए का कॉन्सोलिडेटेड ऑपरेटिंग रेवेन्यू दर्ज किया, जो साल-दर-साल 69% की वृद्धि है. गुरुग्राम स्थित कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 971 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो कि वित्त वर्ष 2021-2022 में 1,222 करोड़ रुपए के नुकसान से कम था.