पतंजलि फूड्स में क्‍या आ गया निवेश का मौका?

कंपनी का वित्‍तीय प्रदर्शन अच्छा है, इसके मुनाफे में लगातार बढ़त हो रही है.

पतंजलि फूड्स में क्‍या आ गया निवेश का मौका?

तेल से लेकर टूथपेस्‍ट तक का उत्‍पादन करने वाले पतंजलि समूह को भला कौन नहीं जानता होगा? पतंजलि फूड्स (Patanjali Foods) के जरिए यह समूह शेयर बाजार से भी जुड़ा है और इससे आम निवेशकों को भी यह मौका मिला है कि वे इस विशाल समूह के कारोबार का फायदा उठा सकें. पतंजलि फूड्स कंपनी पतंजलि ग्रुप का हिस्सा है जिसके कई कारोबार हैं. इस कंपनी के देशभर में 43 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं. 25 processing प्लांट्स हैं जिसमें से 19 कामकाज कर रहे हैं. पतंजलि फूड्स का नाम पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज था. पतंजलि समूह ने सितंबर 2019 में दिवालिया प्रक्रिया के तहत इस कंपनी को 4,350 करोड़ रुपए में खरीदा था.

मई 2021 में इसने पतंजलि का बिस्किट, कुकीज और रस्क कारोबार 60 करोड़ में खरीदा और इस तरह इसकी फूड कारोबार में एंट्री हुई. अप्रैल 2022 में रुचि सोया का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स करने को बोर्ड मंजूरी मिली थी और यह जून 2022 से लागू हुआ. SEBI के न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियमों को पूरा करने के लिए प्रमोटर्स को करीब 6% हिस्सा बेचना होगा.

अब यह जान लेते हैं कि कंपनी का कारोबार किस तरह का है. तो ये कंपनी 5 सेगमेंट्स में कारोबार करती है. पहला फूड कारोबार- इसके तहत कंपनी के पास 8 कैटेगरी में घी, च्‍वयनप्राश, शहद जैसे कुल 242 प्रोडक्ट्स हैं. दूसरा न्यूट्रास्यूटीकल्स एंड वेलनेस प्रोडक्ट (Nutraceuticals & Wellness Products). इसके कंपनी के पास जनरल न्यूट्रीशन-मल्टी विटामिन्स और वेट मैनेजमें के प्रोडक्ट हैं. स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन के तहत कंपनी के पास इनर्जी सप्लीेमेंट और मास/मसल गेनर्स प्रोडक्ट हैं. मेडिकल न्यूट्रीशन में कंपनी के पास डायबेटिक न्यूट्रीशन, डायलासिस न्यूट्रीशन, बोन हेल्थ, एनेमिक्स आदि के प्रोडक्‍ट हैं.

तीसरा है ऑयल पॉम प्लांटेशन. इसके तहत कंपनी के पास 6.23 लाख हेक्टेयर भूमि है जिसमें से 62,102 हेक्टेयर पर खेती हो रही है. कंपनी 11 राज्यों में 44,026 किसान परिवारों के साथ कामकाज कर रही है. चौथा Edible Oil यानी खाने का तेल. पतंजलि फूड देश की प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों में से एक है. इसके पास रुचि गोल्ड, महाकोश, म्यूट्रेला, सनरिच, रुचि स्टार जैसे ब्रांड हैं. पांचवां कारोबार के तहत कंपनी Oleochemicals और Windpower से जुड़ी है. इसके पास 6 राज्यों में कुल 84.6 मेगावाट उत्पादन क्षमता है.

मजबूत डिस्ट्रीयब्यूशन नेटवर्क
कंपनी के पास देश भर में 4763 डिस्ट्रीब्यूटर्स का मजबूत नेटवर्क है. देशभर में इसके 4 लाख 57 हजार 788 रिटेल आउटलेट्स हैं. दिसंबर 2020 तक की बात करें तो कंपनी के उत्‍पाद 31 देशों को एक्सपोर्ट हो रहे थे. कोविड के बाद हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स पर फोकस बढ़ा है. संगठित क्षेत्र पर फोकस बढ़ने से कंपनी के उत्पादों की बिक्री बढ़ने का अनुमान है. वर्टीकल इंटीग्रेशन से तकनीकी जानकारी बढ़ेगी जिससे एक सेगमेंट का फायदा अन्य सेगमेंट्स को मिलेगा.

कंपनी की दक्षता, कर्ज में कमी और सभी सेगमेंट्स को साथ में लेकर चलने से मैनेजमेंट का अनुशासन नजर आता है. कंपनी ने निर्णय लेने की प्रक्रिया को विक्रेंद्रित किया, जिससे जल्द फैसले लेने में मदद मिलती है. अच्छी छवि के चलते बहुराष्ट्रीय कंपनियों के विपरीत इसके ग्राहकों, कर्मचारियों, छोटे सप्लायर्स और वेंडर्स के साथ मजबूत संबंध रहते हैं.

कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन
कंपनी का वित्‍तीय प्रदर्शन भी ठीक रहा है. इसके मुनाफे में लगातार बढ़त हो रही है. वित्‍त वर्ष 2021-22 में कंपनी का मुनाफा 806 करोड़ रुपए था, जो वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 9 फीसद बढ़कर 886 करोड़ रुपए हो गया. पंतजलि फूड्स हाल में काफी चर्चा में रही है. उसने 5 साल का एक विजन डॉक्यूमेंट जारी किया है. कंपनी ने 5 साल के लिए आक्रामक योजना बनाई है. कंपनी ने 5 साल में 50,000 करोड़ रुपए की बिक्री की योजना तैयार की है. कंपनी ने 5,000 करोड़ रुपए का कामकाजी मुनाफा हासिल करने की योजना बनाई है. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का कामकाजी मुनाफा 1,577 करोड़ रुपए था.

अब यह जान लेते हैं कि कंपनी के लिए ग्रोथ के ट्रिगर्स क्‍या हैं?
तो खाद्दय तेल में रुचि गोल्ड, महाकोश और सनरिच जैसे मजबूत ब्रांड्स से असंगठित कंपनियों से मार्केट शेयर लेने में कंपनी को मदद मिलेगी. पतंजलि समूह के फूड बिजनेस के मर्जर से आकार बढ़ा है जिससे औसत खर्च कम हुआ है. इससे कच्चे माल की कीमतों में उठा-पटक का असर कम होगा. पूरी वैल्यू चेन में मौजूदगी से सप्लाई चेन में किसी भी गड़बड़ी का आकलन करना आसान होगा. पाम प्लांटेशन प्रोग्राम से किसानों की मदद होगी, इसे कंपनी के किसानों के साथ संबंध सुधरेंगे. पाम ऑयल का इंपोर्ट कम करने से स्टेकहोल्डर्स के साथ संबंध बनाने में मदद मिलेगी.

शेयर का वैल्युएशन
अब यह जान लेते हैं कि कंपनी के शेयरों का वैल्‍युएशन कैसा है? तो वित्‍त वर्ष FY24 के लिए इसका अनुमानित PE रेश्‍यो 23.6 और वित्‍त वर्ष FY25 के लिए अनुमानित PE रेश्‍यो 20.4 है. कंपनी के शेयर इसकी 52 हफ्ते की ऊंचाई से करीब 27% नीचे चल रहे हैं. इसके शेयरों की मौजूदा कीमत 1100 रुपए के आसपास है. ज्‍यादातर ब्रोकर्स ने कंपनी के पतंजलि फूड्स के शेयरों को खरीदने की सलाह दी है. आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने इसके लिए 1,750 रुपए और Antique ने 1,725 रुपए रखा लक्ष्य रखा है.

सतर्कता के साथ करें निवेश
तो इस पूरी कहानी से आपको यह समझ में आ गया है कि पतंजलि फूड्स का कारोबार मजबूत दिख रहा है. इसके शेयरों में निवेश कर आप अच्‍छा पैसा बना सकते हैं. पर यह बात ध्‍यान रहे कि शेयर बाजार में रिटर्न मिलने की कोई गारंटी नहीं होती. ज्‍यादातर एक्‍सपर्ट यह सलाह देते हैं कि किसी कंपनी का कारोबार मजबूत है, उसका वित्‍तीय प्रदर्शन अच्‍छा है, शेयरों का वैल्‍युएशन सही है तो उसमें निवेश करना चाहिए क्‍योंकि उसमें आगे अच्‍छे ग्रोथ की उम्‍मीद रहती है.

Published - July 1, 2023, 07:40 IST