जीएसटी चोरी आरोपों से गुजर रहीं बीमा कंपनियों पर जांच का शिकंजा बढ़ता जा रहा है. अब डायरेक्टरेट ऑफ गुड एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस (DGGI) ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (ICICI Prudential) को 492 करोड़ रुपए का डिमांड और कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जीवन बीमा कंपनी को यह नोटिस जीएसटी का भुगतान न करने के चलते जारी किया गया है.
दरअसल यह मामला इनपुट टैक्स क्रेडिट (input tax credit) यानी ITC से जुड़ा है. जिस वजह यह विवाद सामने आया है जो यह पूरे बीमा उद्योग के लिए विवाद का मुद्दा बना हुआ है. इस नोटिस पर आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का कहना है कि कंपनी ने सेवाओं के बदले इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम किया था पर डीजीजीआई का मानना है कि कंपनी इन क्लेम के अयोग्य है.
इनपुट टैक्स क्रेडिट का मतलब है कि जब आउटपुट पर टैक्स चुकाने का समय आता है तो इनपुट पर जो टैक्स पहले चुकाया हुआ है उसे कम करने की मंजूरी मिलती है. उस टैक्स को कम करने के बाद जो टैक्स बैलेंस होता है उसे आउटपुट पर समायोजित करना होता है. कंपनी के अनुसार सीजीएसटी एक्ट 2017 और दूसरे नियमों के तहत यह इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा का इस्तेमाल कर सकती है.
जांच एजेंसी ने इस नोटिस के जरिए कंपनी से पूछा है कि उससे 492 करोड़ रुपए के टैक्स की मांग क्यों नहीं की जानी चाहिए. यह मामला जुलाई 2017 से लेकर जुलाई 2022 तक का है. इस मामले पर आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने कहा है कि कंपनी इस कारण बताओ नोटिस का जवाब देने और मामले का मुकाबला करने के लिए उचित कदम उठाएगी. हालांकि कंपनी ने जांच के दौरान डीजीजीआई को 190 करोड़ की रकम जमा कर दी है.
एचडीएफसी लाइफ को भी मिला नोटिस
इससे पूर्व डीजीजीआई एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस (HDFC Life Insurance) को 942 करोड़ रुपए से ज्यादा का डिमांड और कारण नोटिस जारी कर चुका है. यह मामला भी आईटीसी से जुड़ा है जिस वजह ये विवाद सामने आया है. इस नोटिस पर एचडीएफसी लाइफ का कहना है कि कंपनी ने सेवाओं के बदले आईटीसी क्लेम किया था पर एजेंसी ने पूछा है कि उससे 942 करोड़ रुपए के टैक्स की मांग क्यों नहीं की जानी चाहिए. कंपनी ने कहा है कि वह इस कारण बताओ नोटिस का जवाब देने और मामले का मुकाबला करने के लिए उचित कदम उठाएगी. हालांकि कंपनी इस मामले में DGGI के पास 250 करोड़ रुपए की रकम जमा कर चुकी है.