मार्केट कैप के लिहाज से देश के सबसे बड़े बैंक HDFC बैंक के आउटस्टैंडिंग कर्ज में जोरदार बढ़ोतरी हुई है. बैंक की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 31 दिसंबर तक बैंक का कुल आउटस्टैंडिंग कर्ज 9 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बढ़कर 24.69 लाख करोड़ रुपए हो गया है. 2022 के दिसंबर तक बैंक का कुल आउटस्टैंडिंग कर्ज 15.2 लाख करोड़ रुपए हुआ करता था. यानी पिछले साल के मुकाबले कर्ज में 62 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है.
2023 के दौरान बैंक के साथ उसकी सहायक होमलोन कंपनी HDFC का विलय हुआ है, और विलय के बाद HDFC का आउटस्टैंडिंग कर्ज भी बैंक के कर्ज में शामिल हो गया है, जिस वजह से HDFC बैंक के कुल कर्ज में इतनी बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
बैंक के इंटरनल क्लासिफिकेशन के अनुसार पिछले साल की तुलना में घरेलू खुदरा लोन में 110 फीसद से अधिक का इजाफा हुआ है. वहीं, वाणिज्यिक और ग्रामीण बैंकिंग लोन में लगभग 31.5 फीसद का सुधार दिखा है. एचडीएफसी लिमिटेड के गैर-व्यक्तिगत ऋणों को छोड़कर अन्य थोक ऋण में करीब 11 फीसद का इजाफा हुआ है.
2023 के दौरान देश में क्रेडिड मांग जोरदार रही है इस वजह से भी बैंकों के आउटस्टैंडिंग कर्ज बढ़े हैं. रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि नवंबर अंत तक बीते एक साल के दौरान देश में नॉन फूड क्रेडिट की मांग 20 फीसद से ज्यादा रही है, कृषि सेक्टर के लिए कर्ज की मांग 18 फीसद से ज्यादा बढ़ी है और सर्विस सेक्टर में 25 फीसद से ज्यादा की ग्रोथ दर्ज की गई है.