आर्थिक संकट का सामना कर रही एडटेक कंपनी बायजू (Byju’s) को वित्त वर्ष 2021-22 में 8,245 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. इस दौरान कंपनी का टोटल रेवेन्यू 5,298 करोड़ रुपए रहा. वित्त वर्ष 2020-21 में रेवेन्यू 2,428 करोड़ रुपए था. यानी रेवेन्यू में 118 फीसद का उछाल आया है. बायजूस की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न ने कंपनी रजिस्ट्रार के पास अपनी ऑडिटेड फाइनेंशियल रिपोर्ट 22 महीने की देरी से दाखिल की है.
बायजू ने जारी किए नतीजे
22 महीने के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार एडटेक कंपनी Byjus ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए नतीजे जारी कर दिए. वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का घाटा 4,564 करोड़ रुपए था, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी को 8,245 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. यानी कंपनी का घाटा लगभग दोगुना हो गया है. घाटे का करीब आधा हिस्सा (लगभग 3,800 करोड़ रुपए) व्हाइटहैट जूनियर और ओस्मो जैसी कंपनियों के कारण है. गौरतलब है कि कंपनी की ओर से किए गए ये दो प्रमुख अधिग्रहण हैं. इन दोनों कंपनियों के घाटे ने कंपनी के घाटे को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है.
कंपनी के वैल्यूएशन में 90% से ज्यादा की गिरावट
बायजूस के CFO नितिन गोलानी ने इस रिजल्ट के बाद कहा कि हम खुश हैं कि हमारी कुल आय 2.2 गुना बढ़ गई है, हम व्हाइटहैट जूनियर और ओस्मो जैसे हमारे खराब प्रदर्शन वाले व्यवसायों के बारे में भी जानते हैं. हमने अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए कई उपाय किए हैं. दरअसल, कंपनी अपने वित्तीय घाटे से उबरने के लिए लगातार कोशिशों में लगी है. टेक क्रंच की एक रिपोर्ट के अनुसार बायूजस नई फंडिंग के लिए अपने वैल्यूएशन को 2 बिलियन डॉलर करने को तैयार है, जबकि एक साल पहले साल 2022 में इसकी वैल्यूएशन 22 बिलियन डॉलर थी. कंपनी के वैल्यूएशन में 90 फीसद से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है.
कंपनी को लगातार मिल रहा आर्थिक झटका
गौरतलब है कि शानदार शुरुआत करने वाली कंपनी बायजूस के हालात दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है. पिछले कुछ महीनों में कंपनी को कई बड़े आर्थिक झटके लगे हैं . पहले, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू की. बायजूस पर 158 करोड़ रुपए के भुगतान में चूक का आरोप भी है. इसके बाद, ED ने 9,000 करोड़ रुपए से अधिक के फेमा (FEMA) उल्लंघन मामले में नोटिस भेजा. गौरतलब है कि फेमा, फॉरेन करेंसी फ्लो को लेकर बनाया गया है. इसके साथ ही, गुरुग्राम ऑफिस का रेंट का भुगतान न करने पर कर्मचारियों को प्रॉपर्टी मालिक ने दफ्तर से बाहर कर दिया और उनके लैपटॉप जब्त कर लिए.