वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम चुनाव से पहले मध्यम वर्ग को लुभाते हुए किराये के मकान या झुग्गी-बस्ती में रहने वालों को घर खरीदने में मदद करने के लिए एक योजना की घोषणा की है. उन्होंने साथ ही पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अगले पांच वर्षों में ग्रामीण गरीबों के लिए 2 करोड़ और मकान बनाने की भी घोषणा की.
सीतारमण ने चुनाव से पहले वित्त वर्ष 2024-25 अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में समावेशी विकास के हिस्से के रूप में हर एक को मकान, पानी, बिजली, रसोई गैस और बैंक खाता उपलब्ध कराने का प्रयास किया है.
उन्होंने कहा, ‘सरकार किराये के घर अथवा झुग्गी-बस्ती या चाल और अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले मध्यम वर्ग के पात्र लोगों को अपने मकान खरीदने या बनाने में सहायता करने के लिए योजना लाएगी.’
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद इस योजना का कार्यान्वयन जारी रहा और सरकार तीन करोड़ मकानों का लक्ष्य प्राप्त करने के करीब है. उन्होंने कहा कि परिवारों की संख्या में वृद्धि होने से बढ़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में दो करोड़ अतिरिक्त मकानों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.
सीतारमण ने कहा कि 2047 तक देश को ‘विकसित भारत’ बनाने के संकल्प के साथ सरकार सर्वांगीण, सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी विकास के दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है.
ग्रामीण क्षेत्रों में ‘सभी के लिए आवास’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पात्र ग्रामीण परिवारों को सहायता प्रदान करने को एक अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) लागू की थी. इसका लक्ष्य मार्च 2024 तक आधारभूत सुविधाओं से लैस 2.95 करोड़ पक्के मकानों का निर्माण करना है.