GST उगाही की सीमित ग्रोथ को देखते हुए टैक्स अधिकारी आने वाले दिनों में ऐसे मामलों में जांच का दायरा बढ़ा सकते हैं जिनमें उन्हें टैक्स चोरी का शक है. टैक्स अधिकारियों ने हाल के दिनों में कई ऐसे मामलों को पकड़ा है जिनमें GST को बचाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए गए थे. कुछ मामलों ऐसे हैं जहां पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किसी एक जगह के पते पर ढेरों कंपनियों का रजिस्ट्रेशन है. कुछ मामलों में देखा गया है कि दक्षिण भारत के राज्यों में काम कर रही कई कंपनियों का रजिस्ट्रेशन पूर्वोत्तर के राज्यों में है और कई मामलों में अनजान लोगों के मोबाइल नंबर पर बिजनेस आधार रजिस्टर पाए गए हैं.
टैक्स अधिकारी ऐसे सभी मामलों की जांच कर रहे हैं. उधर स्टार्टअप्स में हुआ एंजेल निवेश भी आयकर विभाग के रडार पर है. वित्तवर्ष 2018-19 से वित्तवर्ष 2020-21 के दौरान कई स्टार्टअप्स में भारी प्रीमियम पर एंजेल निवेश हुआ है.आयकर विभाग को शक है कि टैक्स चोरी के लिए मोटे प्रीमियम पर निवेश किया गया है जिसको लेकर अब जांच हो रही है.
आने वाले समय में बढ़ सकती है छापेमारी
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट GST के आंकड़ों का एनालिसिस करता है. GST और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आंकड़े एक दूसरे से मिले हुए हैं. इसलिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ये ये जानने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि 30-32 ऐसे सेक्टर्स पाएं गए हैं उद्योग के और काम काज से जुड़े हुए जहां इस तरह के रजिस्ट्रेशन के फ्रॉड हुए हैं. इसलिए आने वाले समय में आयकर विभाग के छापे बढ़ सकते हैं.
आम नागरिकों को होगा फायदा
सरकार ने GST की शुरुआत में इसमें कई रियायतें दी थी. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग GST के तहत पंजीकृत हों और इसका दायरा बढ़ सके. लेकिन अब GST पर सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है, ताकि टैक्स कलेक्शन बढ़ सकें. टैक्स क्लेक्शन बढ़ने का फायदा आम नागरिकों को भी होगा. अगर सरकार का टैक्स कलेक्शन बढ़ता है तो आने वाले समय में सरकार GST की दरों को घटाने का फैसला भी ले सकती है.
अगर GST की दरें घटती है तो कई तरह के जरूरी सामान सस्ते हो जाएंगे.