धर्मार्थ संस्थाओं को दान देने वाले करीब 8,000 करदाताओं को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है.नोटिस देने वालों में कंपनियों के अलावा वेतनभोगी और अपना व्यवसाय चलाने वाले लोग भी शामिल हैं.आयकर विभाग के अफसरों का कहना है कि इन 8000 कारोबारियों और संस्थाओं ने अपनी कमाई के मुताबिक दान नहीं किया. इन मामलों में सटीक उसी रकम का दान दिखाया गया है, जो टैक्स स्लैब को कम करने या पूरी तरह से छूट पाने के लिए जरूरी थी और इसका भुगतान नकद में किया गया था. साथ ही चैरिटेबल ट्रस्टों को कमीशन देकर रसीद ले ली. आयकर विभाग के अधिकारी अब उन स्वतंत्र टैक्स विशेषज्ञों की जांच कर रहे हैं जिन्होंने इस तरह के लेनदेन की सुविधा की प्रदान की थी.भेजे गए नोटिस असेसमेंट ईयर 2017-18 से 2020-21 के लिए हैं.