अदानी ग्रुप की तरफ से कर्ज के बोझ को कम करने की तमाम कोशिशों के बावजूद मार्च में खत्म हुए वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान ग्रुप के ऊपर कर्ज का बोझ 21 फीसद बढ़ा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर 2.3 लाख करोड़ रुपए का कुल कर्ज दर्ज किया गया है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान कमाई बढ़ने की वजह से कर्ज लौटाने को लेकर अदानी ग्रुप की क्षमता भी बढ़ी है. 24 जनवरी को Hindenburg की रिपोर्ट आने के बाद ग्रुप ने करीब मार्च तिमाही के दौरान कम से कम 3 अरब डॉलर का भुगतान किया. इस भुगतान में गिरवी रखे शेयरों और बॉन्ड्स से जुड़ा पेमेंट शामिल है.