आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है कि बैंक से लोन भी लें और बैंक उस लोन पर क्रेडिट कार्ड भी बना दे. अभी तक हम यही जानते आए हैं कि बैंक में जो पैसा जमा करते हैं, या पैसे के नाम पर जो खाता खुलवाते हैं, उसी के आधार पर क्रेडिट कार्ड बनता है. लेकिन ऐसा नहीं है. अगर केवल पैसे जमाने कराने पर ही क्रेडिट कार्ड बनते तो उन छात्रों का क्या होगा जो एजुकेशन लोन लेते हैं और जमा पैसे से ज्यादा उनकी उधारी चलती है. आज हम बात स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की करेंगे जिसमें छात्रों को कई सुविधाएं दी जाती हैं.
स्टूडेट क्रेडिट कार्ड 3 वेरिएंट में आते हैं. कुछ बैंक उन छात्रों को क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं जो छात्र पढ़ाई-लिखाई के लिए एजुकेशन लोन लेते हैं. दूसरा होता है ‘एड ऑन कार्ड’ जो फैमिली मेंबर के क्रेडिट कार्ड पर बनता है. तीसरे तरह का क्रेडिट कार्ड फिक्स्ड डिपॉजिट पर बनता है. अगर छात्र के नाम से फिक्स्ड डिपॉजिट चल रहा है तो उस पर आसानी से क्रेडिट कार्ड बनाया जा सकता है.
किन कागजों की होगी जरूरत
रेगुलर क्रेडिट कार्ड की तुलना में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड बनवाने में माथापच्ची बहुत कम है. बहुत कम कागजी कार्यवाही भी होती है. चूंकि, छात्रों को कोई इनकम नहीं होती, इसलिए लोन पर क्रेडिट कार्ड बनवाते वक्त कोई इनकम प्रूफ देने की जरूरत नहीं होती. एजुकेशन लोन के आधार पर क्रेडिट कार्ड जारी कर दिया जाता है. या अभिभावक की क्रेडिट हिस्ट्री देखकर कार्ड बना दिया जाता है. यह तब होता है जब किसी फैमिली मेंबर के क्रेडिट कार्ड पर एड ऑन कार्ड बनाया जा रहा हो. अगर बैंक में एफडी है तो उस आधार पर भी क्रेडिट कार्ड बन जाता है. इसमें भी केवाईसी होता है और छात्र की उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए.
क्रेडिट लिमिट
ज्यादातर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की लिमिट 15,000 रुपये होती है और इसकी वैलिडिटी 5 साल के लिए होती है. कम अवधि इसलिए रखी जाती है क्योंकि बैंक को पता होता है कि इतने साल में छात्र पढ़ाई पूरी कर लेगा और जॉब में आने के बाद रेगुलर क्रेडिट कार्ड बनवा लेगा. अगर एड ऑन कार्ड है तो उसकी क्रेडिट लिमिट फैमिली मेंबर की क्रेडिट लिमिट से मिलती जुलती है. इसी तरह, एफडी पर जो कार्ड बनता है, वह फिक्स्ड डिपॉजिट की राशि पर निर्भर करता है.
लोन पर क्रेडिट कार्ड के फायदे
इस कार्ड पर वैसे ही फायदे मिलते हैं जो रेगुलर कार्ड पर दिए जाते हैं. जैसे रिवार्ड पॉइंट, कैशबैक, डिस्काउंट और डील्स के सभी फायदे स्टूडेंट कार्ड पर भी दिए जाते हैं.
छात्र चूंकि दोपहिया गाड़ी चलाते हैं और कॉलेज आने-जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ बैंक रीफ्यूलिंग पर कैशबैक देते हैं. इस कार्ड पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की शॉपिंग कर सकते हैं.
इस कार्ड से चाहें तो देश के किसी एटीएम से पैसे भी निकाले जा सकते हैं. इस पर ब्याज ज्यादा लगता है, इसलिए इमरजेंसी में ही एटीएम से निकासी की सलाह दी जाती है.
एफडी पर क्रेडिट कार्ड
इसी तरह एफडी पर भी क्रेडिट कारड बनाए जाते हैं. इसके लिए या तो छात्र के नाम से एफडी हो या उसके अभिभावक के नाम से. एफडी जितने रुपये की होती है, उसी आधार पर क्रेडिट कार्ड की लिमिट दे दी जाती है.
यह सिक्योर्ड कार्ड होता है क्योंकि क्रेडिट कार्ड का पैसा डूबने की गुंजाइश नहीं होती. अगर कोई क्रेडिट कार्ड का पैसा नहीं चुकाता है तो उसकी भरपाई एफडी के पैसे से कर ली जाती है.