हर किसी का सपना होता है कि उसके पास अपना घर हो. हालांकि, घर खरीदने के लिए होम लोन के तौर पर एक बड़ा अमाउंट उधार लेना पड़ता है. ज्यादातर लोगों को होम लोन लेने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पिछले कई सालों से हाउसिंग मार्केट में मंदी छाई हुई है. मौजूदा समय में होम लोन की ब्याज दरें भले ही कम हैं लेकिन इसके बावजूद मीडिल क्लास के खरीदारों को होम लोन लेना काफी महंगा लगता है.
होम लोन लेते समय सबसे बड़ी चुनौती डाउन पेमेंट की होती है. बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां इस बात पर जोर देती हैं कि होम लोन लेने से पहले घर की कीमत का कम से कम 20 प्रतिशत हिस्सा डाउन पेमेंट के तौर पर दे दिया जाए. हम बता रहे हैं कि ऐसी स्थिति में अगर पैसे की कमी हो जाए तो इसकी व्यवस्था कैसे करें?
यदि आपने पहले से ही फाइनेंशियल एसेट्स जैसे स्टॉक, म्यूचुअल फंड, फिक्स डिपॉजिट और बांड में निवेश किया है, तो आप पैसे जुटाने के लिए उनमें से कुछ को तोड़ने या समाप्त करने के बारे में सोच सकते हैं. इसके लिए लिक्विड एसेट्स को तरजीह देनी चाहिए और इसे बेचने से पहले लगने वाले टैक्स की जांच कर लेनी चाहिए. इसके साथ ही, अपने निवेश को बेचते समय पहले यह अनुमान लगाना चाहिए कि एग्जिट लोड, समय से पहले निकासी पर लगने वाली पैनेल्टी, लेनदेन लागत और करों के हिसाब-किताब के बाद आपके हाथ में कितना पैसा आएगा.
इसके अलावा, अगर आपके पास ऐसे एसेट्स (जैसे – सोना, एक अतिरिक्त वाहन या वित्तीय संपत्ति) हैं, जिन्हें बेचा जा सकता है तो इस पर भी विचार कर सकते हैं. कई ऐसी संपत्तियां होती हैं जिनका मूल्य धीरे-धीरे कम होता है या जिनके रखरखाव में काफी खर्च आता है. आप उन्हें बेचकर भी पैसे की व्यवस्था कर सकते हैं.
यह तरीका कई लोगों को आसान लग सकता है. डाउन पेमेंट का भुगतान करने के लिए आप पर्सनल लोन ले सकते हैं. इसके लिए अप्लाई करना आसान होता है और ज्यादा समय भी नहीं लगता. ध्यान देने वाली बात यह है कि ये लोन कम अवधि और ज्यादा ब्याज दर के साथ आते हैं, जिसकी वजह से इसकी EMI ज्यादा होती है. जब आप बाद में होम लोन के लिए जाएंगे, तो आपका लैंडर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में पर्सनल लोन की EMI देख सकता है. इससे आपकी उधार लेने की क्षमता कम होती है. अधिकांश बैंक लोन देने की सीमा को तय कर देते है, ताकि EMI मंथली इनकम के 40-50 प्रतिशत से ज्यादा न हो. इस तरह का लोन लेने में सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि आपकी उधार लेने की क्षमता प्रभावित ना हो.
अगर आपका अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ अच्छा संबंध है, तो कर्ज के लिए आप उनसे भी बात कर सकते हैं. इस तरह का कर्ज आसान और आमतौर पर लंबी अवधि के लिए होता है. इससे आपको शुरुआती वर्षों के दौरान होम लोन EMI को पूरा करने में मदद मिलेगी. हालांकि, इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हर महीने उधार ली गई रकम का पुनर्भुगतान सही समय पर कर दिया जाए.
डाउन-पेमेंट के लिए रकम की व्यवस्था खुद से करना सबसे अच्छा विकल्प है. अगर आप कुछ सालों के बाद घर खरीदना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए कमाई के एक हिस्से को बचत के रूप में रखना शुरू कर देना चाहिए. अगर आप अगले पांच साल में अपने सपनों का घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप स्टॉक और इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे जोखिम भरे निवेश से दूर रहें. इसके बजाए, धन को आवर्ती जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट और बांड जैसे सुरक्षित तरीकों में रखना बेहतर है. आप कंजर्वेटिव हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीमों में भी निवेश पर विचार कर सकते हैं.
आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो सबसे पहले अपना टारगेट क्लियर करें. आपको यह पता होना चाहिए कि कितने पैसों की जरूरत पड़ सकती है. आपके पास इसकी व्यवस्था करने की एक प्लानिंग होनी चाहिए. अगर आप नियमित रूप से बचत करते हैं, तो डाउन पेमेंट के लिए रकम की व्यवस्था बड़ी आसानी से कर लेंगे.