घर खरीदना हो, बनवाना हो या रेनोटेवट कराना हो. सभी जरूरतों के लिए बाजार में कई तरह के लोन ऑप्शन मौजूद हैं. होम एक्सटेंशन लोन, होम टॉप-अप लोन, लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP), प्लॉट लोन जैसे कई विकल्प आपको मिल जाएंगे. इन्हीं में होम लोन और मोर्टगेज लोन भी शामिल हैं, जिन्हें लेकर लोग अक्सर उलझन में पड़ जाते हैं कि कौन सा उनके लिए बेहतर है.
होम लोन और मोर्टगेज लोन, दोनों मुख्य रूप से प्रॉपर्टी से जुड़े खर्चों को पूरा करने के लिए लोग लेते हैं. दोनों सिक्योर्ड लोन हैं. यानी, इनमें प्रॉपर्टी को कोलैटरल (गिरवरी रखी गई संपत्ति) माना जाता है. दोनों में अंतर उनके ब्याज दर, रीपेमेंट की अवधि, प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू के एवज में मिलने वाली असल कर्ज की राशि का है.
होम लोन में मिलने वाला पैसे का इस्तेमाल केवल नया घर खरीदने या बनवाने के लिए किया जा सकता है. इसका लोन-टू-वैल्यू रेशियो ऊंचा होता है. कर्ज लेने वाले को प्रॉपर्टी की कामत के 90 प्रतिशत तक का लोन मिल सकता है.
मोर्टगेज लोन की तुलना में होम लोन सस्ते ब्याज दर पर मिल जाते हैं. इनकी प्रोसेसिंग फीस लोन की राशि की 0.8 से 1.2 प्रतिशत होती है. होम लोन को चुकाने के लिए 30 साल मिलते हैं. यह किसी भी तरह के कर्ज पर मिलने वाले रीपेमेंट टेन्योर में सबसे लंबी अवधि है.
मोर्टगेज लोन में कर्ज का पैसा अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल करने की आजादी होती है. ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है कि कर्ज को किस काम में लगाया जाए. कर्ज लेने वाला चाहे तो इन पैसों को मदद से घर से जुड़े किसी भी तरह के खर्च उठाने या अन्य कोई निजी जरूरत पूरा करने में लगा सकता है.
होम लोन की तुलना में मोर्टगेज लोन का लोन-टू-वैल्यू रेशियो कम होता है. इसमें प्रॉपर्टी की कीमत का 60-70 फीसदी ही कर्ज के रूप में मिलता है.
मोर्टगेज लोन का ब्याज दर होम लोन की तुलना में 0.01-0.03 प्रतिशत महंगा होता है. इसकी प्रोसेसिंग फीस भी अधिक होती है. कर्ज की राशि के 1.5 फीसदी तक फीस देनी पड़ सकती है. इस तरह के लोन को आम तौर पर 15 साल के अंदर चुकाना होता है.
इन अंतर के अलावा, होम लोन और मोर्टगेज लोन में कई समानताएं भी हैं. इनमें टॉप-अप की व्यवस्था शामिल होती है. मौजूदा कर्ज पर बिना कोई कागजाती प्रक्रिया किए, अतिरिक्त फंड लिया जा सकता है. इसी तरह, दोनों तरह के लोन ऑप्शन में अन्य बैंक से बेहतर इंटरेस्ट रेट पर लोन का विकल्प मिलने पर मौजूदा कर्ज को उस बैंक में ट्रांसफर किया जा सकता है. इससे EMI घटाने में भी मदद मिलती है.
इन समानताओं और असमानताओं के बीच कौन सा आपके लिए बेहतर विकल्प बन सकता है, इसका फैसला आपको अपनी जरूरत के हिसाब से लेना चाहिए. एक तरफ, होम लोन में सस्ते ब्याज दर, कर्ज चुकाने के लिए करीब दोगुना समय और कम प्रोसेसिंग फीस का लाभ मिलता है. वहीं दूसरी ओर, मोर्टगेज में कर्ज की राशि को अपने मुताबिक इस्तेमाल करने की छूट होती है जिसके चलते अचानक अन्य जरूरत पड़ने पर वित्तीय मदद मिल जाती है.
आपकी जेब आपको कम समय में फ्लेक्सिबल लोन लेने की अनुमति दे रही है या सस्ते ब्याज दर के साथ लंबी अवधि वाला कर्ज सूट करेगा, हर किसी के लिए इसका फैसला उनकी अपनी परिस्थिति पर निर्भर करता है. कर्ज लेने से पहले अच्छे से जांच-पड़ताल कर के और एक्सपर्ट की राय लेने के बाद फैसला लेना बेहतर होगा.