Joint Home Loans: कोरोना वायरस महामारी ने संभावित संपत्ति खरीदारों को एक अच्छा मौका दिया है. कुछ डेवलपर्स ने खरीदारों को आकर्षित करने के लिए कीमतों में कमी की है. इसके अलावा पुनर्विक्रय बाजार में भी घर आकर्षक छूट पर उपलब्ध हैं. वह इसलिए, क्योंकि कई संपत्ति मालिक जिनके पास एक से अधिक घर हैं, वे ईएमआई के बोझ को कम करने के लिए एक को बेचने की योजना बना रहे हैं.
बहुत से युवा ग्राहक कम कीमतों में संपत्ति खरीदने के लिए इस अवसर का लाभ लेना चाहते हैं. हालांकि, उनके पास होम लोन के साथ संपत्ति खरीदने के लिए आवश्यक इनकम नहीं है. उस स्थिति में वे अपने माता-पिता या भाई-बहनों को होम लोन में संयुक्त उधारकर्ता बना सकते हैं. इस व्यवस्था के अंदर कुछ मामलों में बाद में विवाद और जटिलताएं भी पैदा हुईं. ऐसे में आपको अपने भाई-बहन के साथ संयुक्त रूप से होम लोन लेने के फायदे और नुकसान के बारे में जरूर जान लेना चाहिए.
ये हैं ज्वाइंट होम लोन के फायदे:
मिल जाएगा बड़ी राशि का लोन
ज्वाइंट होम लोन के मामले में बैंक दोनों आवेदकों की आय के आधार पर उनकी ऋण पात्रता तय करते हैं. बैंकों के लिए लोन में सह-उधारकर्ता होना एक सकारात्मक बात है, क्योंकि यह पुनर्भुगतान के जोखिम को कम करता है. इसलिए आप एक बड़ा घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो अपने भाई-बहन के साथ संयुक्त रूप से होम लोन के लिए आवेदन करें. अगर आप शादीशुदा हैं, तो हमेशा अपने जीवनसाथी के साथ ज्वाइंट होम लोन ले सकते हैं.
संपत्ति का हस्तांतरण होता है आसान
संपत्ति के सह-मालिकों में से एक की अचानक मृत्यु हो जाने पर बिना किसी कानूनी परेशानी के संपत्ति को दूसरे मालिक को हस्तांतरित करना आसान हो जाता है. सामान्य तौर पर संपत्ति को कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित करने के लिए संपत्ति के मालिक के कानूनी उत्तराधिकारी और मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता होती है. संयुक्त स्वामित्व के मामले में जीवित भाई-बहन केवल एक वकील की उपस्थिति में अपने नाम पर एक नया पंजीकरण करवाकर संपत्ति को अपने नाम पर स्थानांतरित कर सकते हैं.
उच्च कर लाभ
Joint Home Loan के मामले में दोनों आवेदकों को एक ही संपत्ति पर अलग-अलग कर लाभ मिलते हैं. प्रत्येक उधारकर्ता आयकर अधिनियम 1961 की धारा 24 (बी) के तहत प्रति वर्ष होम लोन के ब्याज भुगतान पर 2 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ उठा सकता है. इसके अलावा दोनों आवेदक धारा 80 सी के तहत मूलधन के पुनर्भुगतान में अलग से 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं. हालांकि, इस लाभ का दावा करने की शर्त यह है कि संपत्ति का निर्माण पूरा होना चाहिए. ऋण ब्याज का भुगतान उसी अनुपात में किया जाता है, जिस अनुपात में संयुक्त मालिकों के बीच स्वामित्व का हिस्सा होता है.
ये हैं नुकसान:
संपत्ति बेचना हो सकता है मुश्किल
सह-मालिकों के बीच भविष्य में किसी भी तरह के विवाद की स्थिति में संपत्ति को बेचना मुश्किल हो सकता है. यदि दोनों सह-मालिक संपत्ति बेचने पर सहमत नहीं होते हैं, तो दूसरे भाई-बहन द्वारा किया गया निवेश अटक जाता है और उसके भविष्य के लक्ष्य प्रभावित हो सकते हैं.
एक के ईएमआई न भरने पर बढ़ सकता है विवाद
लोन की किस्ते चुकाने के दौरान यदि सह-मालिक में से एक अपना EMI योगदान देना बंद कर देता है, तो दूसरे मालिक की देनदारी बढ़ जाएगी, क्योंकि वह ऋण के लिए सह-उधारकर्ता है. एक मालिक द्वारा ईएमआई भुगतान में कोई भी चूक दोनों मालिकों के क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचाएगी और उनकी उधार लेने की क्षमता को प्रभावित करेगी. विशेषज्ञ भविष्य में किसी भी देनदारी से उधारकर्ताओं को सुरक्षित करने के लिए संपत्ति बीमा और सावधि बीमा खरीदने की सलाह देते हैं.