फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit – FD) को पैसे बढ़ाने का सुरक्षित तरीका माना जाता है, चाहे वो शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म या लॉन्ग टर्म में हो. घटते इंटरेस्ट रेट के बावजूद, बड़ी संख्या में लोग अभी भी पैसे बढ़ाने के लिए बैंक FD पर भरोसा करते हैं. हालांकि, कुछ बैंक ऐसे हैं जो बड़े बैंकों की तुलना में ज्यादा इंटरेस्ट रेट ऑफर करते हैं. ये तीन साल से कम की FD के लिए 6% तक इंटरेस्ट रेट ऑफर करते हैं. एक्सपर्ट इस टेन्योर को मीडियम टर्म के रूप में परिभाषित करते हैं, जो स्मार्ट प्लानिंग के लिए उपयुक्त है और इमर्जेंसी मनी की जरूरत को भी पूरा करता है.
Money9 आपके लिए लेकर आया है बेस्ट FD रेट, जो तीन साल से कम की अवधि के लिए कमर्शियल बैंक ऑफर कर रहे हैं.
कुछ प्राइवेट बैंक सभी टेन्योर में और 36 महीनों से कम समय के लिए भी बेहतर FD रेट ऑफर कर रहे हैं. बेहतर रेट आम तौर पर 6% और 5.5% के बीच होते हैं.
तीन प्रमुख प्राइवेट बैंक – इंडसइंड बैंक, यस बैंक और RBL बैंक द्वारा बेस्ट इंटरेस्ट रेट ऑफर किया जा रहा है. ये 36 महीने से कम अवधि के लिए 6% इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहे हैं.
इसके बाद IDFC फर्स्ट बैंक है, जो 5.75% का इंटरेस्ट रेट ऑफर करता है. DCB बैंक, बंधन बैंक, कर्नाटक बैंक और करूर वैश्य बैंक दो से तीन साल के टेन्योर पर 5.5% इंटरेस्ट रेट ऑफर करते हैं.
अगला बेस्ट इंटरेस्ट रेट पब्लिक सेक्टर के यूनियन बैंक द्वारा ऑफर किया जा रहा है, जो 5.4% है. लीडिंग प्राइवेट सेक्टर बैंक एक्सिस बैंक भी यह इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहा है.
लेकिन अगर हम बड़े पब्लिक सेक्टर के बैंकों और प्राइवेट बैंक के रेट पर गौर करें, तो इंटरेस्ट रेट थोड़ा कम है. 36 महीने से कम अवधि के लिए रेट 5% और 5.15% के बीच है.
सबसे बड़ा बैंक SBI 36 महीने की अवधि के लिए 5.1% का रेट ऑफर करता है. PNB और BoB इस टेन्योर के लिए 5.1% का रेट ऑफर करते हैं.
दूसरी ओर, यदि आप प्रमुख प्राइवेट बैंक के माध्यम से जाते हैं, तो HDFC 36 महीने से कम अवधि के लिए 5.15% का रेट ऑफर करता है. ICICI और कोटक महिंद्रा बैंक समान अवधि के लिए 5.15% और 5% ऑफर करते हैं.
कोलकाता बेस्ड टैक्स एक्सपर्ट अरविंद अग्रवाल ने कहा, ‘निवेश करते समय यह याद रखना चाहिए कि रिटर्न हमेशा निवेश से लिंक्ड रिस्क से जुड़ा होता है. ज्यादा रिटर्न के साथ ज्यादा रिस्क और कम रिस्क के साथ कम रिटर्न मिलता है. आइडियली एक बैंक में एक्सपोजर 5 लाख रुपये तक सीमित होना चाहिए क्योंकि यह अमाउंट DICGC के डिपॉजिट इंश्योरेंस प्रोग्राम के तहत इंश्योर्ड है.’