हमें अपनी कई सारी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लोने की जरूरत पड़ती है, मसलन घर बनाना, गाड़ी खरीदना, पढ़ाई या फिर इस तरह की दूसरी जरूरतें. हम से अधिकतर लोग अपनी नौकरी के शुरुआती दिनों में लोन लेते हैं और फिर बाकी के वक्त में हम उस लोन को चुकाने के लिए अपने खर्चों को मैनेज करते हैं. लोन को बिना जिंदगी पर बोझ बनाए चुकाना एक बड़ा काम है. इसके लिए सही चुनाव और बेहतर प्लानिंग की जरूरत होती है. आज हम आपको लोन के बोझ को कम करने के लिए कुछ उपाय बता रहे हैं, जिससे आपकी लोन पे करने की टेंशन कुछ कम हो जाएगी.
बचत के तरीकों पर ध्यान
अपने लोन को मैनेज करने के लिए सबसे पहले आपको लोन चुकौती और बचत के तरीकों पर ध्यान देना काफी जरूरी है. इसके अलावा आपको अपने गैर जरूरी या आकष्मिक खर्चों को मैनेज करना भी बेहद जरूरी है. इसके अलावा लोन लेने वालों को समय समय पर अपने वित्तीय साधनों के हिसाब से बफर भी तैयार करके रखना चाहिए. इससे उन्हें आकष्मिक खर्चों को मैनेज करने में बेहद ही आसानी होती है.
किन जरूरतों के लिए लोन
इसके अलावा आपको यह जरूर देखना चाहिए कि आप अपनी किन जरूरतों के लिए लोन ले रहे हैं. मसलन अगर आपने होम लोन ले रखा है और अगर आप वाहन खरीदने के लिए लोन लेना चाह रहे हैं, तो आपको यह जरूर सोच लेना चाहिए कि क्या यह लोन लेना अभी बेहद जरूरी है या नहीं? कहने का तात्पर्य यह है कि, अगर आपका काम किसी जरूरत के बिना चल जा रहा है, तो उसे टालना ही उचित रहता है. यह आपको एक से अधिक लोन लेने से बचने में सहायता करता है.
इसके साथ ही कई बार शॉपिंग करते वक्त, लोग क्रेडिट कार्ड या बाय नाउ पे लेटर की सुविधा को इस्तेमाल करते वक्त यह भूल जाते हैं कि, यह भी एक तरह का लोन ही है. आर्थिक स्थिति सुधर जाने तक खर्च और क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर अंकुश लगाएं.
कर्ज लेने के लिए एसेट का इस्तेमाल करें
आमतौर पर लोग कर्ज लेने में घर, सोना इत्यादि जैसे एसेट का इस्तेमाल करने में हिचकिचाते हैं. सच तो यह है कि घर, निवेश, सोना, प्रोविडेंट फंड बैलेंस जैसे एसेट पर लोन की ब्याज दरें कम होती हैं. लोन को चुकाने के लिए किसी एसेट को बेचने के बारे में भी विचार किया जा सकता है. अगर लोन अदायगी के रास्ते नहीं हैं तो किसी एसेट की बिक्री बेहतर विकल्प हो सकता है.
मौजूदा लोन को रीस्ट्रक्चर कराएं
मौजूदा लोन को रीस्ट्रक्चर कराने की सलाह लें. कर्इ बैंकों में इस तरह की सुविधा मिलती है. कुछ बाहरी एजेंसियों को भी कर्ज को रीस्ट्रक्चर करने में महारत होती है. प्रोफेशनल मदद लें कि क्या बकाया है और कैसे इसे चुकाया जा सकता है. इस तरह की प्रक्रिया में क्रेडिट कार्ड की बकाया रकम को पर्सनल लोन में बदल दिया जाता है. पेनाल्टी छोड़ दी जाती हैं. कर्ज चुकाने वाले की क्षमता के अनुसार दोबारा किस्तें बनार्इ जाती हैं.