SBI: क्या आप भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहक हैं? क्या आपके पास इस बैंक में एक बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट स्मॉल अकाउंट (BSBDSA) है, जिसे जीरो बैलेंस अकाउंट के नाम से भी जाना जाता है? अगर जवाब हां है तो सतर्क हो जाएं.
भारत का सबसे बड़ा बैंक 1 जुलाई, 2021 से लागू होने वाले नकद निकासी के नियम और चेक बुक के शुल्क में बदलाव करने जा रहा है. इन नए नियमों से कुल करीब 12 करोड़ BSBDSA ग्राहक प्रभावित होंगे.
SBI के पास लगभग 50 करोड़ का सबसे बड़ा कस्टमर बेस है. उनमें से लगभग 12 करोड़ BSBDA ग्राहक हैं. ये खाते मुख्य रूप से समाज के उस कमजोर तबके के लिए हैं, जिससे उन्हें बिना किसी शुल्क के बचत शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.
18 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति जिसके पास आधिकारिक तौर पर वैध केवाईसी दस्तावेज नहीं हैं, वह यह खाता खोल सकता है. इन ग्राहकों के लिए न्यूनतम शेष राशि की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन खाते के संचालन को लेकर कुछ नियम हैं.
हालांकि, BSBDSA खातों को नियमित बचत खाते में बदला जा सकता है.
नए नियमों के तहत एसबीआई BSBDA खाताधारकों को हर महीने एटीएम (एसबीआई और गैर-एसबीआई) और बैंक शाखाओं सहित केवल चार मुफ्त नकद निकासी की अनुमति देगा. फ्री लिमिट के बाद एसबीआई हर ट्रांजैक्शन के लिए 15 रुपये (अतिरिक्त जीएसटी) चार्ज करेगा.
नए नियम के अनुसार, BSBDA खाताधारकों के लिए एक वित्तीय वर्ष में कुल 10 चेक मुफ्त होंगे. उसके बाद, खाताधारकों को क्रमशः 10 और 25 चेक वाली चेकबुक के लिए 40 रुपये और 75 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) का भुगतान करना होगा.
10 पेज वाली इमरजेंसी चेक बुक की कीमत 50 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) होगी. वरिष्ठ नागरिकों के लिए नया चेक बुक सेवा शुल्क लागू नहीं होगा. इन नए नियमों से कुल करीब 12 करोड़ BSBDSA ग्राहक प्रभावित होंगे.