बड़े काम की है सैलरी ओवरड्राफ्ट की सुविधा, पैसों की जरूरत पड़ने पर मिल सकती है मदद

Salary overdraft facility: सैलरी ओवरड्रॉफ्ट एक तरह से लोन ही होता है. इसमें आप अपने अकाउंट बैलेंस से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 28, 2021, 01:53 IST
Professional loan is cheaper than personal loan, if you need money then choose option

अगर आपके सामने अचानक कोई खर्च आ जाए या फिर किसी दूसरी इमरजेंसी के लिए पैसों की जरूरत पड़ जाए तो क्या करेंगे? खास कर ऐसे वक्त में जब आप न तो एफडी तुड़वाना चाहते हैं न ही म्यूचुअल फंड्स के अपने यूनिट्स बेचना चाहते हैं. ऐसी स्थिति में काम आता है सैलरी ओवरड्राफ्ट. अगर आप नौकरी करते हैं तो बैंक अपने ग्राहकों को सैलरी ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा देता है. इसके तहत आप खाते में मौजूद राशि जितना या उससे अधिक बैंक से निकाल सकते हैं. इस संबंध में अधिकतर बैंक आपको शुद्ध वेतन से तीन गुणा अधिक का क्रेडिट देते हैं.

सैलरी ओवरड्रॉफ्ट एक तरह से लोन ही होता है. इसमें आप अपने अकाउंट बैलेंस से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं. यह सुविधा सरकारी और प्राइवेट, दोनों बैंक देते हैं लेकिन इसको लेकर नियम और शर्तें अलग-अलग होती हैं. बैंक के साथ आपका संबंध कैसा है, आपकी सैलरी कितनी है और सिबिल स्कोर कितना अच्छा है, इन तमाम बिंदुओं के आधार पर बैंक आपको ओवरड्रॉफ्ट लिमिट प्रदान करता है.

कितना देना होता है ब्याज?

इंटरेस्ट के मामले में सैलरी ओवरड्राफ्ट क्रेडिट कार्ड जितना ही महंगा साबित होता है. सैलरी ओवरड्राफ्ट के मामले में हर महीने एक से तीन फीसदी का ब्याज लग सकता है. यानी सैलरी लिमिट से जितना पैसा आप निकालते हैं उस पर हर महीने एक से तीन यानी सालाना 12 से 30 फीसदी तक ब्याज लगता है. इसके अलावा आप समय पर ब्याज का भुगतान नहीं करते हैं पेनाल्टी भी लगती है. प्रोसेसिंग फीस की वजह से भी यह महंगा हो जाता है.

मिनटों में निकाल सकते हैं पैसे

यह ओवरड्रॉफ्ट प्री-अप्रूव्ड होता है और इसकी एक लिमिट होती है. लिमिट तक पैसा आप किसी भी वक्त मिनटों में निकाल सकते हैं. इन पैंसों से आप मेडिकल इमरजेंसी, EMI, चेक बाउंस, SIP बाउंस जैसी घटनाओं से बच सकते हैं. ओवरड्रॉफ्ट सुविधा के लिए हर बैंक के अपने-अपने नियम होते हैं.

अलग-अलग बैंकों के अलग-अलग नियम

कुछ बैंक आपकी मंथली सैलरी का 2-3 गुना तक ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा देते हैं. वहीं कुछ बैंक एक महीने की सैलरी का 80-90 फीसद तक ही यह सुविधा देते हैं. कुछ बैंक के लिए ओवरड्रॉफ्ट कैप के नियम पर काम करते हैं. इसकी मैक्सिमम लिमिट 4-5 लाख रुपए तक हो सकती है. कुछ बैंकों के लिए यह कैप 1-1.5 लाख रुपए तक होता है. कुछ बैंक आपकी मंथली सैलरी के आधार पर यह सुविधा देते हैं तो कुछ बैंक हर ग्राहक के लिए एक लिमिट तय करता है.

Published - August 28, 2021, 01:53 IST