RBI बना रहा, दिसंबर तक सरप्लस लिक्विडिटी में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा कटौती की योजना

RBI की योजना सरप्लस लिक्विडिटी को कम करने की है ताकि रिवर्स रेपो ऑपरेशन के तहत बैंकों से उसकी उधारी दिसंबर 2021 तक घटकर 2-3 लाख करोड़ रुपये हो जाए.

Reserve Bank is organizing hackathon, you will get a chance to win lakhs of rupees, just have to do this work

भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अब तक कोई कानून नहीं बना है

भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अब तक कोई कानून नहीं बना है

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने दिसंबर 2021 तक सरप्लस लिक्विडिटी (अधिशेष तरलता) को 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक कटौती करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है. हालांकि मॉनिटरी कमेटी ने दरों और ग्रोथ प्रोजेक्शन पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए फैसला लिया है. मॉनिटरी कमेटी का फैसला उधारकर्ताओं के लिए अच्छा है लेकिन लिक्विडिटी के विड्रॉल से बॉन्ड यील्ड पर दबाव पड़ेगा, जो अंततः लोन में भी पास हो सकता है. इसको लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की गई है.

क्या कहा गवर्नर शक्तिकांत दास ने?

लिक्विडिटी नॉर्मलाइजेशन रोडमैप की घोषणा करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वर्तमान में सरप्लस लिक्विडिटी अक्टूबर में अब तक औसतन 9.5 लाख करोड़ रुपये है. RBI की योजना सरप्लस लिक्विडिटी को कम करने की है ताकि रिवर्स रेपो ऑपरेशन के तहत बैंकों से उसकी उधारी दिसंबर 2021 तक घटकर 2-3 लाख करोड़ रुपये हो जाए. यह वर्तमान (current) में लगभग 8.8 लाख करोड़ रुपये है. दास ने अपने संबोधन में लिक्विडिटी को कम नहीं करने के पीछे के तर्क को समझाते हुए कहा, ‘हम जल्दबाजी नहीं चाहते. हम नाव को हिलाना नहीं चाहते हैं क्योंकि हमें किनारे तक पहुंचना है, जो अब दिखाई दे रहा है.

4% पर बनाए रखा RBI ने रेपो रेट

मौद्रिक नीति समिति (monetary policy committee) ने रेपो रेट को 4% पर यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में 5:1 रेश्यो में वोट किया. RBI ने रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर बनाए रखने का भी फैसला किया. वहीं चालू वित्त वर्ष (current financial year) के लिए, RBI ने रियल GDP ग्रोथ के अपने अनुमान को 9.5% पर बरकरार रखा. RBI ने अपने FY22 के रिटेल इन्फ्लेशन प्रोजेक्शन को 5.3% से घटाकर 5.7% कर दिया. उन्होंने कहा कि इन्फ्लेशन ट्रैजेक्टरी अपेक्षा से अधिक अनुकूल हो गई है. उन्होंने बाजारों को फिर से आश्वासन दिया कि ग्रोथ के लिए लिक्विडिटी उपलब्ध रहेगी और रिवर्स रेपो के माध्यम से अवशोषण होगा जहां भागीदारी स्वैच्छिक है.

रिवर्स रेपो के तहत सरप्लस में और वृद्धि

उन्होंने संकेत दिया कि गवर्नमेंट सिक्योरिटीज एक्वीजीशन प्रोग्राम (G-SAP) की और आवश्यकता नहीं है. इसके माध्यम से RBI सरकारी बॉन्ड खरीदकर लिक्विडिटी को इंजेक्ट करता था. दास ने कहा RBI ने भारत में तेजी से रिकवरी के लिए महामारी की शुरुआत के बाद से पर्याप्त अधिशेष तरलता (surplus liquidity) बनाए रखी है. सितंबर के दौरान रिवर्स रेपो के तहत अधिशेष (surplus) में और वृद्धि हुई है. इस वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान G-SAP सहित इंजेक्ट की गई कुल तरलता 2.7 लाख करोड़ रुपये है, जबकि पूरे वित्तीय वर्ष 2021 के दौरान 3.1 लाख करोड़ रुपये की तरलता इंजेक्ट की गई है.

Published - October 10, 2021, 02:18 IST