एनबीएफसी क्षेत्र में जिम्मेदार शासन की संस्कृति बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने शुक्रवार को शैडो बैंकिंग प्लेयर्स से ग्राहकों की सुरक्षा को अत्यधिक महत्व देने का आग्रह किया क्योंकि यह “गैर-परक्राम्य” (non-negotiable) है.
कुछ लोगों द्वारा जबरदस्ती रिकवरी करने की घटनाओं को याद करते हुए, डिप्टी गवर्नर ने कहा की, विशुद्ध रूप से व्यावसायिक विचारों से प्रेरित इस तरह के कामों ने पूरी प्रणाली की विश्वसनीयता को प्रभावित किया है जो की सिर्फ विश्वास पर फलती-फूलती है.
उन्होंने सीआईआई द्वारा आयोजित एनबीएफसी शिखर सम्मेलन में कहा “यहां मेरा कहना है कि हमें व्यापारिक या अल्पकालिक लाभ के लिए वित्त के चरित्र से समझौता नहीं करना चाहिए. यदि इसकी बुनियाद विश्वास और पारस्परिक लाभ पर आधारित होगी तो दीर्घावधि में संस्थानो को लाभ मिलना स्वाभाविक है.
यह देखते हुए कि आरबीआई के पास कठोर वसूली प्रथाओं, डेटा गोपनीयता के उल्लंघन, धोखाधड़ी वाले लेनदेन में वृद्धि, साइबर अपराध, अत्यधिक ब्याज दरों और उत्पीड़न जैसी ढेरों शिकायतें आती रहती है, उन्होंने कहा, ग्राहकों की सुरक्षा “गैर-परक्राम्य” है.